इंग्लैंड के साथ भारत का पहला टेस्ट मैच बेशक ड्रा हो गया है लेकिन एक तरह से इस मैच में भारत की हार हुई है.
भारत के अंदर अंग्रेजों ने जिस तरह की बल्लेबाजी की है उसको देखकर तो साफ़ लगता है कि इस बार इंग्लैंड अच्छी तैयारी के साथ ही भारत आई है. पहली पारी के अन्दर इंग्लैंड ने 537 रनों का विशाल स्कोर बनाया था तो वहीँ दूसरी पारी में भी मात्र 3 विकेट खोकर 260 रन इन्होंने बनाये थे.
भारत के बल्लेबाज जो स्पिन को खेलने में एक्सपर्ट नजर आते हैं वह टेस्ट के आखरी दिन दूसरी पारी में ताश के पत्तों की तरह बिखरते नजर आने लगते हैं.
टेस्ट के आखरी दिन एक समय तो ऐसा लग रहा था कि अब भारत शायद इस टेस्ट मैच को बचा नहीं पायेगा.
मैच में जब अंतिम पारी में भारत ने रहाणे का विकेट खोया तो उसी समय अचानक कोच अनिल कुंबले का पारा भी ऊपर चढ़ गया था.
कुंबले को ड्रेसिंग रूम में इससे पहले इतना गुस्से में किसी ने नहीं देखा था और जब रविचंद्रन अश्विन बल्लेबाजी करने आ रहे थे तो कुंबले गुस्से में उनके हाथों विराट तक एक सन्देश भिजवाते हैं-
टेस्ट के आखरी दिन क्या था अनिल कुंबले का सन्देश –
अश्विन पिच पर खेलने उतरते हैं और विराट कोहली को बताते हैं कि ‘’कोच अनिल इस मैच को किसी भी हालत में ड्रा कराना चाहते हैं. उन्होंने तुमको आखिर तक खड़े रहने के लिए बोला है. चाहे कुछ भी हो जाये, तुमको ना तो अब कोई दौड़कर रन लेने हैं और ना ही चौकों की तरफ देखना है. बस कोच चाहते हैं कि तुम ज्यादा से ज्यादा गेंद खेलो.’’
इस बात से साफ़ हो जाता है कि टीम के लिए चिंतित अनिल कुंबले यही चाहते थे कि विराट कोहली ज्यादा से ज्यादा गेंद खेलेगा तो तब टीम हार से बच सकती है. बाकी खिलाड़ी जिस तरह से आउट होकर पवेलियन लौट रहे थे उनको देखकर अनिल कुंबले का गुस्सा सांतवे आसमान पर पहुँच गया था. जैसा कि जाहिर है अभी अनिल कुंबले एक भी टेस्ट किसी देश के टीम से हारना नहीं चाहते हैं. उनके लिए टीम लगातार जीत दर्ज करते हुए विश्व रिकॉर्ड तक पहुंचनी चाहिए.
लेकिन तभी अश्विन भी आउट हो गया
जैसे ही अश्विन आउट हुआ तो अनिल कुंबले ने जडेजा को साफ़ बोला था कि तुझे और विराट को अब बिना आउट हुए ड्रेसिंग में आना है. रन एक नहीं बनना चाहिए किन्तु हर बॉल बल्ले से रोकनी होगी. कोहली को संकेत दे दिया गया था कि वह अपनी फिफ्टी को भूल जाये क्योकि इस समय अगर टीम को हार से बचाना है तो तेरा बिना फिफ्टी के रहना जरुरी है.
कुंबले हर ओवर के बाद वैसे अपना सन्देश लेकर खिलाड़ी को ग्राउंड पर भेजना चाहते थे किन्तु अंपायर इस बात की अनुमति नहीं दे रहे थे. हर बाल पर अनिल कुंबले अपनी नजर रखे हुए थे और प्लानिंग बना रहे थे. विराट कोहली भी हैरान थे कि आखिर बिना रनों के पिच पर खड़े रहने के लिए कोच क्यों बोल रहे हैं.
लेकिन शायद अनिल कुंबले जानते थे कि टेस्ट के आखरी दिन आखिर में अंपायर कुछ एक्स्ट्रा ओवेर्स भी देंगे.
टेस्ट के आखरी दिन अगर विराट कोहली आउट होते हैं तो बाकी के खिलाड़ी एक्स्ट्रा ओवेर्स नहीं खेल पायेंगे और तब शायद भारत को हार का मुंह देखना पड़ सकता था. लेकिन भारत जैसे-तैसे ड्रा तो करा लेता है किन्तु इस मैच से साफ़ हो जाता है कि अभी भारतीय खिलाड़ी अच्छे बोलिंग अटैक को झेलने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं हैं.
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