अक्सर लोग आस्था और अन्धविश्वास के बीच में उलझे रहते है और हमेशा तर्क देते रहते है कि भगवान है या भगवान नहीं है।
लेकिन जब कोई ऐसी घटना या चमत्कार हो जाता है कि लोग को सोचने पर मजबूर हो जाते है, तब उन लोगों के तर्क फिर काम नहीं करते।
कुछ ऐसा ही चमत्कार भारत के एक मंदिर में भी देखने को मिल रहा है, अपनी तरह का ये दुनिया का एकमात्र मामला है। दरअसल मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले में कालीसिंध नदी के किनारे नलखेड़ गाँव से लगभग 15 किलोमीटर दूर गड़िया गाँव के पास एक मंदिर स्थित है, जो गड़ियाघाट वाली माता जी के नाम से प्रसिद्ध है।
लोग इस मंदिर में हो रहे चमत्कार को देखकर श्रद्धा से शीश झुकाते है।
इस मंदिर में पानी से दीपक जलाया जाता है –
जी हाँ इस मंदिर में घी से नहीं बल्कि पानी से दीपक जलाया जाता है । आप भी सोचिये जो चीज़ आग को बुझा देती है उससे कैसे आग जल सकती है। लेकिन आपको बता दें कि ये बात सौ प्रतिशत सही है। इस मंदिर में आपको घी या तेल की जरुरत नहीं पड़ती बल्कि यहाँ पर पानी से काम चल जाता है।
आपको बता दें कि यह चमत्कार आज से नहीं बल्कि पिछले पाँच सालों से देखा जा रहा, पानी से दीपक जलाया जाता है। इस अद्भुत चमत्कार को देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालू आते है। यहाँ पर दीपक में पानी डालने से यह किसी तरल पदार्थ की तरह चिपचिपा हो जाता है जिस कारण यह लगातार जलता रहता है। यह किसी भी चमत्कार से कम नहीं है, माता जी के इस अद्भुत चमत्कार को देखने दूर-दूर से भक्तों की भीड़ जमा हो जाती है।
इस मंदिर के पुजारी सिद्धुसिंह जी महाराज का कहना है कि इस मंदिर में पहले तेल और घी का दीपक जला करता था।
परंतु आज से लगभग पांच साल पहले माता उनके सपने में आई और कहा कि तुम अब दीपक पानी से जलाओ।
जब पुजारी ने अपने सपने की बात को सच मानकर दूसरे दिन पानी से दीपक जलाया तो वह दीपक प्रज्वल्लित हो उठा। तब से आज तक इस मंदिर का दीपक कालीसिंध नदी के पानी से दीपक जलाया जाता है ।