नेता कुमार विश्वास – कवि हमारे समाज के वो लोग होते है जो बङी – बङी बातें अपनी कविताओं में मजाक करते – करते कह जाते है ।
कवियों के कहना का अपनी व्यथा बताने का अंदाज तो सबसे अनोखा होता ही है । साथ ही दूसरों पर निशाना साधने का तरीका भी अनोखा होता है । अब आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास को ही देख लीजिए । उन्होंने अपने कवि वाले अंदाज के दम पर आम आदमी पार्टी को इस ऊचांई तक पहुंचाया । लेकिन पार्टी ने आजतक न उन्हें पार्टी में कोई पद दिया और न ही राज्यसभा के लिए टिकट दिया । और तो और उन पर पार्टी के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप भी लगा दिया । जिसके जवाब में बङे अनोखे अंदाज में इन आरोपों का जवाब दिया।
नेता कुमार विश्वास ने कहा “इस महेशमति साम्राज्य की शिवगामी कोई ओर है, यहाँ रोज कटप्पा बदलते हैं. इस बाहुबली का सिर कलम करने के लिए”।
यहाँ कुमार विश्वास ने कटप्पा आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल राय को कहा है जिन्होंने उन पर षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है ।वही शिवगामी कांग्रेस से आम आदमी पार्टी में आए सुशील गुप्ता को कहा गया है जिन्हें पार्टी ने राज्यसभा का टिकट दिया है ।
आपको बता दें ये पूरा विवाद राज्यसभा के लिए तीन टिकटों के चुनाव का है । जिसमें मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक सबसे आगे कुमार विश्वास का नाम था। लेकिन नेता कुमार विश्वास की जगह कांग्रेस से आम आदमी पार्टी में शामिल हुए सुशील गुप्ता को टिकट दे दिया इसके अलावा एनडी शर्मा और संजय सिंह को टिकट दिया गया है।
टिकट बंटवारे के बाद आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल राय ने फेसबुक लाइव करके कुमार विश्वास पर एमसीडी चुनाव के बाद पार्टी की छवि खराब करने का आरोप लगाया । जिसके जवाब में कुमार विश्वास ये तंज कफा ओर ये भी कहा कि राय की 8 महीने की कुम्भकर्णिय नींद टूट गई , पार्टी ने राय के बयान से किनारा कर लिया है । ” कुमार विश्वास का गुस्सा और दर्द उनकी बातों से साफ झलक रहा है । लेकिन कुमार का दर्द की परवाह किसे है ।
आपको बता दें कुमार विश्वास आज के वक्त के सबसे मशहूर कवि है । जिन्होंने राजनीति तो कि लेकिन अपने कवि वाले अंदाज में । जो शायद पार्टी के लोगों को रास नहीं ।लेकिन पार्टी ये नहीं भुल सकती कि आम आदमी पार्टी के आंदोलन में कुमार विश्वास का बहुत योगदान रहा । जिन्होंने पार्टी के हजारों रैलियां की ।
हर प्रयाक्षी को जीताने के लिए उनके चुनावी क्षेत्र में जाकर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा । लेकिन कुमार विश्वास क्योंकि उन लोगों में से है जो अपनों की गलती होने पर उन्हें सुनाने से पीछे नहीं हटते । उनकी यही आदत लोगों को खटकने लगी।कुमार विश्वास ने एमसीडी चुनाव के बाद मजाक – मजाक में अरविंद केजरीवाल पर तंज कसा ।लेकिन इस बात के आगे पार्टी ने कुमार विश्वास पार्टी के लिए किए सभी काम भुला दिए । और उन्हें बागी कह दिया ।अब इसे कुमार विश्वास की सच बोलने की आदत का फल कही या एक कवि की सच्ची कविताओं का फल । जो उन्हें इस रुप में मिला।
अगर कवि के अंदाज में कुमार विश्वास की व्यथा को कहें तो वो कुछ ऐसी है -” हक की महफिल में वफा की उम्मीद करना बेकार है, कोई इसे छीन के लेते हैं, कोई चुरा के लेता है । “
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…
दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…
सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…
कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…
दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…
वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…