द्वारका की खोज से पहले तक इन सब बातों को धार्मिक मिथक माना जाता था. लेकिन समुद्र के भीतर मिले इस शहर के बाद लगता है कि धर्म ग्रंथों में कहीं ना कहीं कोई सच्चाई है. कृष्ण का शाल्व के साथ युद्ध धरतीवासी और परग्रही जीवों के बीच लड़ा गया था. जब कृष्ण ने द्वारका को छोड़कर अपने ग्रह वापस जाने का फैसला किया तो द्वारका नगरी हमेशा के लिए जलमग्न हो गयी. इस अनोखे युद्ध के बारे में संगम साहित्य में भी लिखा मिलता है.
देखा आपने हडप्पा और मोहनजोदड़ों से भी हजारों साल पहले कि ये उन्नत तकनीक और अत्याधुनिक शहर बनाने में कहीं ना कहीं परग्रही जीवों का भी हाथ था. अब ये तो वैज्ञानिक या धर्म के जानकार ही जाने की कृष्ण धरती पर आये परग्रही थे या फिर ईश्वर. या फिर कहीं हम शक्तिशाली परग्रहियों को ही तो भगवान नहीं मानते ?
https://rajbgm.files.wordpress.com/2014/05/13.jpg