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इस वजह से कोरियाई छात्रों में बढ़ रही है हिंदी भाषा सीखने की जबरदस्त इच्छा !

कोरियाई छात्रों में हिंदी भाषा का क्रेज – आज भी हिंदुस्तान के अधिकांश जगहों पर हिंदी भाषा को बोलचाल के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.

हालांकि हिंदी हमारे देश की राष्ट्रभाषा है बावजूद इसके हमारे देश के अधिकांश लोग अंग्रेजी भाषा के पीछे दीवाने होते जा रहे हैं.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि भले ही हमारे देश के लोग अंग्रेजी भाषा को ज्यादा अहमियत देते हैं लेकिन कोरियाई छात्रों में हिंदी भाषा को लेकर काफी क्रेज देखा जा रहा है.

आखिर क्या वजह है कि ज्यादातर कोरियाई छात्रों में हिंदी भाषा को सीखने की जबरदस्त इच्छा जागने लगी है.

चलिए इसकी वजह से हम आपको रूबरू कराते हैं कोरियाई छात्रों में हिंदी भाषा का क्रेज  क्यों है.

कोरियाई छात्रों में हिंदी भाषा का क्रेज –

हिंदी सीखने के लिए भारत आ रहे हैं कोरियाई छात्र

दरअसल भारत में दक्षिण कोरिया की कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां स्थापित हो रही हैं जिसके चलते कोरियाई छात्रों में हिंदी सीखने की तीव्र इच्छा जागने लगी है. यही वजह है कि अब अधिकांश कोरियाई छात्र हिंदी भाषा सीखने पर जोर दे रहे हैं. इतना ही नहीं वो भारतीय संस्कृति और समाज के बारे में भी अध्ययन कर रहे हैं.

जामिया विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष व प्रोफेसर डॉक्टर महेंद्र पाल शर्मा के मुताबिक यहां हिंदी सीखने आनेवालों में ज्यादातर छात्र कोरिया से हैं.

बताया जाता है कि नई आर्थिक नीति के बाद भारत में पूंजी निवेश और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खुलने की संभावनाएं काफी ज्यादा बढ़ गई हैं. इसका नतीजा यह हुआ है कि भारत में रहकर काम करने के लिए अधिकांश विदेशी भी अब हिंदी भाषा सीखने पर खासा जोर दे रहे हैं.

भारत में खुली है दक्षिण कोरिया की कई कंपनिया

आपको बता दें कि भारत में दक्षिण कोरिया की सैमसंग, एलजी, हुंडई और देवू मोटर्स जैसी कई कंपनियां खुली हैं. भारत में इन कंपनियों ने बड़ी तादाद में अपने पैर पसार लिए हैं और इनके प्रोडक्ट्स भी लगभग हर भारतीय घरों में इस्तेमाल किए जाते हैं.

इस तरह दक्षिण कोरिया के इंजीनियरों, टैक्नीशियन्स और प्रबंधकों की एक बड़ी फौज हर साल भारत आती है लेकिन हिंदी भाषा ना आने की वजह से उन्हें काफी दिक्कतें पेश आती हैं. इसलिए अब उनके लिए हिंदी भाषा को सीखना अनिवार्य कर दिया गया है.

दक्षिण कोरिया भारत में अपने व्यापार का तेजी से विस्तार कर रहा है यही वजह है कि यहां के लोग हिंदी सीखने पर जोर दे रहे हैं. हंकुंक विदेशी अध्ययन विश्वविद्यालय से अब तक भारी संख्या में कोरियाई छात्र हिंदी सीख चुके हैं और वो भारत में काम कर रहे हैं.

इसलिए कोरियाई छात्रों में हिंदी भाषा का क्रेज बढ़ रहा है –  गौरतलब है कि भारत में दक्षिण कोरियाई कंपनियों के विस्तार को देखते हुए और यहां काम करने के मकसद से ज्यादातर कोरियाई छात्र अपनी पढ़ाई के साथ-साथ हिंदी भाषा सीखने पर काफी जोर दे रहे हैं.

Anita Ram

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