गायक किशोर कुमार – हमारा फिल्मिस्तान यानी कि हमारा बॉलीवुड कई खूबसूरत कहानियों का खज़ाना है।
एक ऐसा खज़ाना, जिसमें बेहद ही खूबसूरत किस्से हैं, ऐसी कहानियां हैं जिन्हे सुनना हमे अच्छा लगता है, ऐसी बाते हैं जिनके बारे में जानना हमारे लिए काफी रोचक हो सकता है।
कहीं कोई प्रेम कहानी अंगड़ाई लेती है तो कहीं कोई दिल लुभाने वाली बात सुनकर हम हंसी से लोट-पोट हो जाते हैं। ऐसा बहुत कुछ है जो हमारी फिल्मी गलियों से जुड़ा है और जिसे जानने में भी हमे भी बहुत दिलचस्पी है।
ऐसी ही एक रोचक खबर हम आपके लिए लेकर आए हैं जो है बॉलीवुड के दीवाने, हंसमुख, जिंदादिल और एक लेजेंडरी गायक किशोर कुमार की जिन्हें हम आज भी याद करते हैं और आज भी जिनके लिए लोगों के दिल में सम्मान और प्यार की भावनाएं हैं।
जब भी उनके बारे में सोचते हैं तो उनकी बेहतरीन गायकी तो याद आती ही है साथ ही उनकी ज़िंदादिली के किस्से भी हमे याद आ जाते हैं। एक्टर, म्यूजिक कंपोजर, गीतकार, स्क्रीन राइटर, फिल्म प्रोड्यूसर, डायरेक्टर के तौर पर उन्होंने बहुत ख्याति अर्जित की।
गायक किशोर कुमार के गाने का अंदाज़ बिल्कुल ही अलग था। उन्होंने एक अलग तरह के गायन की शुरुआत की। गाने की कोई विशेष ट्रेनिंग ना होते हुए भी उन्होंने अपनी गायिकी से जो मुकाम हासिल किया, उसके लिए उनकी जितनी तारीफ की जाए वो कम है। उन्होंने अपनो गानों के ज़रिए प्यार, दर्द, एक्साइटमेंट सभी कुछ हुआ करता था। हर जज़्बात को वो बखूबी अपने गानों में उतार दिया करते थे। सिर्फ सिंगर ही नहीं, उन्होंने एक एक्टर के तौर पर भी अपनी पहचान बनाई।
कॉमिक एक्टर के तौर पर भी उन्होंने बहुत नाम कमाया। कई अभिनेत्रियों के साथ उनकी जोड़ी जमी, जिनमें मधुबाला, नूतन, मीना कुमारी जैसी मशहूर अदाकाराएं शामिल हैं।
गायक किशोर कुमार की ज़िंदादिली और उनके मज़ाकिया स्वभाव के कई किस्से प्रचलित हैं जिनमें से कुछ के बारे में हम आपको आज बताने जा रहे हैं जिन्हें जानकर आपको काफी हैरानी होगी और मज़ा भी आएगा।
दरअसल, ऐसा कहा जाता है कि किशोर कुमार के घर एक बार इनकम टैक्स डिपार्टमेन्ट के कुछ लोग आए थे और उन्होंने उन पर कुत्ते छोड़ दिए थे, सिर्फ यही नहीं, उन्होने अपने घर के बाहर भी लिखवा रखा था कि किशोर कुमार से सावधान !
आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन उन्होंने 1975 और 1976 में इमरजेंसी के दौरान संजय गांधी को इंदिरा गांधी के प्रोग्राम पर आधारित कांग्रेस रैली में गाने के लिए मना कर दिया था। इसके बाद ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर उनके गानों पर बैन लगा दिया लेकिन उनकी पॉपुलैरिटी में कोई अंतर नहीं आया।
4 अगस्त, 1929 को मध्य प्रदेश के खंडवा में जन्मे गायक किशोर कुमार 1987 में हम सभी को छोड़कर चले गए लेकिन उनकी पॉपुलैरिटी में और उनके चाहने वालों की गिनती में कोई कमी नहीं आयी है। उनकी ज़िंदादिली और उनकी बेहतरीन गायकी किसी के लिए भी मिसाल है और आज भी लोग उनके गानों को गुनगुनाकर खुद को उनकी तरह जिंदादिल कर लेते हैं। किशोर कुमार का जीवन बेहतद हास्यास्पद था।