असल में इस पूरी प्रथा के पीछे महाभारत का एक रोचक किस्सा हैं.
तमिलनाडु में हिजड़ों के देवता के नाम से जाने जाने वाले “राजा अरावन” की पूजा हर हिजड़ा साल में एक बार करता हैं. इस इलाके में यह उत्सव लगभग 18 दिन चलता हैं. पुरे उत्सव में किन्नर समुदाय नाच गा के अपनी खुशियाँ मनाता हैं और आखरी के 17 वें दिन अरावन देवता से विवाह करता है, परन्तु यह विवाह अगले दिन ही टूट जाता हैं.