किन्नरों का अंतिम संस्कार – किन्नरों से कभी न कभी आपका भी पाला पड़ा ही होगा.
शहरों में ये बहुत ही आसानी से दिख जाती हैं. आजकल तो ये भीख भी माँगते हैं. रेड सिग्नल पर आप इनको पैसा मंगाते हुए देख सकते हैं. वैसे भी रोड पर ये जहाँ कपल को देखती हैं उन्हें आशीर्वाद देने चल देती हैं और फिर पैसा मांगती हैं.
इतना ही नहीं अब तो मुंबई जैसे शहरों में किन्नरों को ट्रेन में भी मांगते हुए देखा गया है. किन्नरों को लोग शुभ भी मानते हैं और अशुभ भी. अशुभ इसलिए कि अगर वो नाराज़ होकर कोई बुरी बात कह दिए तो ऐसा माना जाता है कि वो सच हो जाएगा.
किन्नरों की इन सब बातों में एक बात और है.
भले ही किन्नरों को आप हर जगह देखते हों, लेकिन इनकी एक बात ऐसी है जो कोई नहीं देख सकता.
असल में ये किसी गैर किन्नर को देखने की अनुमति नहीं है. जब भी कोई किन्नर मरता है तो उसकी मौत गुप्त रखते है. किन्नर को अग्नि के हवाले नहीं करते इन्हे दफनया जाता है. किन्नर सामज इसलिए ऐसा करता है ताकि ऐसा करने से ये अगले जन्म में किन्नर नहीं बनेगा और किन्नरों का अंतिम संस्कार सबके सामने नहीं बल्कि बिना किसी को बातये रात के अँधेरे में की जाती है.
अब इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो नहीं पता. हाँ, लेकिन इतना पता है कि किन्नरों का अंतिम संस्कार कोई देख नहीं सकता. जूते चप्पलों से मारते हुए ये शव को लेकर जाते है और घसीटकर भी लेकर जाते है. इन्हे इस तरह घसीटा कर ले जाते है की इनकी गुप्तांग की जगह पूरी तरह नष्ट हो जाये. इसे आप बिलकुल भी देख नहीं पाएंगे. ऐसा करने के पीछे भी बड़ा कारण है. ये मानते हैं कि ऐसा करने पर अगले जन्म में वो साधारण मनुष्य का जन्म लेगा.
जब किन्नर शव यात्रा लेकर निकलते हैं तो इसी तरह से शव के साथ व्यवहार करते हैं.
इसके उलटे आम जीवन में ऐसा कुछ नहीं होता. आम इंसान जब इनकी शव यात्रा को देखता है तो वो पागल भी हो सकता है. ये शव को मारते हैं, पीटते हैं. आम इंसान ऐसा कुछ नहीं करता. आम लोगो में अंतिम विदाई सही तरह से होती है, लेकिन इन लोगों में अंतिम विदाई रूह कंपा देने वाली होती है. शायद इसीलिए ये समाज से अलग ही रहते हैं और जब कोई इनका अपना मर जाता है तो ये जंगल में ले जाते हैं. जंगल में इनका शोर बाहरी समाज तक नहीं पहुंचता.
गलती से भी आप इनकी शव यात्रा का कभी पीछा मत कीजिएगा. वैस ईटीओ इस बात का ये खुद इतना ख्याल रखते हैं कि कोई शामिल नहीं हो सकता. अगर गलती से शामिल हो भी जाए तो ये लोग उसे मार देते हैं. ऐसी कहावतें सुनने में आई हैं. या तो वो उस व्यक्ति को भी किन्नर बना देते हैं.
किन्नरों का अंतिम संस्कार इतना भयानक होता है – भूलकर भी ऐसा न करें. उनके समाज में ताकझांक करने की ज़रुरत नहीं है. उनका पीछा कभी करने की ज़रुरत नहीं. आप उन्हें उनकी दुनिया में ही छोड़ दें. यही बेहतर होगा आपके लिए.
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