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अगर आपका जन्‍म 1980 और 2000 के बीच में हुआ है तो ये खबर जरूर पढ़ें

1980 से 2000 के बीच जन्‍मे बच्‍चे

1980 से 2000 के बीच जन्‍मे बच्‍चे – आजकल के बच्‍चों की लाइफ 10 साल पहले के बच्‍चों की तुलना में काफी अलग है। पहले जहां बच्‍चे पार्क में अपने दोस्‍तों के साथ खेला करते थे वहीं अब बच्‍चे घर में ही कंप्‍यूटर और स्‍मार्टफोन पर चिपके रहते हैं।

कई मायनों में 1980 से 2000 के बीच जन्‍मे बच्‍चे आज के बच्‍चों की तुलना में काफी बेहतर हुआ करते हैं।

तो चलिए जानते हैं कि तब क्‍या बेहतर हुआ करता है जिसके बारे में आज के बच्‍चों को पता भी नहीं है।

1980 से 2000 के बीच जन्‍मे बच्‍चे – 

– उस समय में बच्‍चों के स्‍कूल बैग ज्‍यादा भारी नहीं हुआ करते थे और ना ही उन पर पढ़ाई का ज्‍यादा बोझ हुआ करता था जबकि आजकल बच्‍चों पर अपना करियर बनाने का दबाव रहता है।

– आजकल के बच्‍चे हैल्‍थ सप्‍लीमेंट्री लेने के बावजूद भी काफी कमज़ोर हैं और बहुत जल्‍दी बीमार पड़ जाते हैं। पहले के ज़माने में ऐसा बिलकुल नहीं था। तब बच्‍चे एकसाथ खाना भी खाते थे और खेलते थे लेकिन बीमार बहुत ही कम पड़ते थे।

– उस समय में टेक्निकल मनोरंजन के साधन बहुत ही कम हुआ करते थे और बच्‍चे गली में क्रिकेट और खिलौनों से खेलते थे। आजकल के बच्‍चे शारीरिक गेम्‍स से ज्‍यादा माइंड वाले गेम खेलते हैं। 1980 और 2000 के बीव डीवीडी, कंप्‍यूटर और स्‍मार्टफोन जैसे खेल नहीं थे।

ऐसी थी 1980 से 2000 के बीच जन्‍मे बच्‍चे की ज़िंदगी –  दोस्‍तों, ये सब बातें हमने अपने बचपन में अनुभव नहीं की थी लेकिन आज हमें ये सब चीज़ें बड़ी खास लगती हैं। टेक्‍नोलॉजी के ज़माने में बच्‍चों को घर में बंद देखना और बाहर खुलकर दूसरे बच्‍चों के साथ ना खेलना हमें अपने बचपन के दिन याद दिला देता है।

हो सकता है कि आजकल के बच्‍चों को अपनी टेक्‍नोलॉजी से घिरी जिंदगी पसंद हो लेकिन हमारे लिए तो वही पुराना बचपन खास है जब हम अपने दोस्‍तों के साथ गली में क्रिकेट और खिलौनों के साथ खेला करते थे।