3) हमारी याददाश्त बहुत ख़राब है
है ही यार, ये तो मानना ही पड़ेगा! हम जानते हैं कि पिछली फ़िल्म में इन्होंने बेकार काम किया था, ख़राब फ़िल्म बनायी थी लेकिन जैसे ही इनकी अगली फ़िल्म आने वाली होती है, हम फिर इनके पीछे दौड़ पड़ते हैं कि शायद ये सुधर जाएँ और कुछ अच्छा दिखा दें! लेकिन फिर वही बकवास! और फिर उन्हें लगता है कि चलो लोग बार-बार हॉल में आ रहे हैं मतलब ऐसी ही फिल्में उन्हें पसंद आती हैं इसलिए ऐसी ही फिल्में बनाये जाओ! और पसंद नहीं भी आतीं तो कोई नहीं, जब तक अगली फ़िल्म आएगी, तब तक हम पुरानी भूल चुके होंगे! और बीच-बीच में ये कोई टीवी शो या एड कर लेंगे या कोई विवादस्पद बात कह देंगे जिस से कि इन्हें पब्लिसिटी भी मिल जायेगी और पुराने काम को भी लोग भूल जाएँगे!
तीनों कमाल के सुपरस्टार हैं पर ज़रुरत है कि ये हम फ़ैन्स के जज़्बातों से खेलना छोड़ दें, अच्छा सिनेमा बनाएँ और बेकार के विवादों को खड़ा ना करें!
एक्टर हैं, एक्टिंग ही करें तो बेहतर होगा!