2) हमें कोई भी उल्लू बना सकता है
देख लो आमिर और शाहरुख़ की मार्केटिंग स्किल्स को! या सल्लू भाई के प्यार को! घटिया और बोरिंग और बिना सर-पैर की फ़िल्मों का इतना ज़्यादा प्रचार करते हैं कि उनके फ़ैन्स इन फ़िल्मों को देखने के लिए दीवाने से हुए जाते हैं! माना कि इन सभी सुपरस्टार्स ने अपने ज़माने में बेहतरीन, अलग और कमाल की फिल्में की हैं लेकिन उनके बल पर अब बेकार सिनेमा दिखाना कहाँ की ईमानदारी है! इनके पास पैसा है, पॉवर है, कुछ अलग करने की ताक़त है, फिर भी इनकी फिल्में ऐसी होती हैं जिन्हें देख कर सर पीटने को जी चाहता है!