तीन ख़ान दो दशकों से हिंदी सिनेमा में राज करते आ रहे हैं!
सलमान ख़ान, शाहरुख़ ख़ान और आमिर ख़ान ने दर्शकों के दिलों में एक ऐसी जगह बना ली है जिसकी जगह शायद कोई नहीं ले सकता! दुःख की बात यह है कि ऐसा उनका सोचना था और सच्चाई इस से बहुत परे है|
देखो यारों, शुरूआती दिनों से ही तीनों ख़ानों का छत्तीस का आंकड़ा रहा है| पहले आमिर और सलमान के झगड़े की बातें सामने आती थीं, फिर कुछ साल पहले सलमान और शाहरुख़ के बीच लड़ाई हो गयी| उन्हीं दिनों आमिर और शाहरुख़ के बीच भी पंगे हो रहे थे| फिर आमिर और सलमान ने हाथ मिला लिया लेकिन शाहरुख़ अलग-थलग पड़ गए| और पिछले करीब एक साल में सलमान-शाहरुख़ के बीच भी दोस्ती हो गयी जिस पर आमिर ने भी अपनी मुहर लगा दी है!
इसका जीता-जागता उदहारण है सलमान की हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म, बजरंगी भाईजान! जहाँ एक तरफ अख़बारों में आमिर के फिल्म देखने के बाद रोते हुए चेहरे की तसवीरें छायी हुई हैं, वहीं शाहरुख़ के ट्विटर पर सलमान से बच्चों को बिरयानी भिजवाने की गुज़ारिश ने धमाका कर दिया है|
आखिर यह तीनों इतने अच्छे दोस्त बन कैसे गए? क्या उम्र का तकाज़ा है या कुछ और? कहते हैं ना कि बढ़ती उम्र में इंसान दुश्मनी भुला सबको गले लगा लेता है| यह तीनों भी अब करीब 50 साल के हो चुके हैं, शायद इसीलिए दिल की भावनाएँ बदल सी रही हैं!
लेकिन एक दूसरा पहलू यह भी है कि शायद तीनों ही आने वाली नस्लों से डर से गए हैं! नयी नस्ल से हमारा मतलब है रणबीर कपूर, रणवीर सिंह, वरुण धवन, सिद्धार्थ मल्होत्रा, अर्जुन कपूर और बाकी के नए लड़के-लड़कियाँ! जहाँ एक तरफ इन नए सितारों की फिल्में सौ करोड़ का धंधा कर रही हैं, वहीं हिरोइन्स भी पीछे नहीं हैं! कंगना रनावत को ही ले लीजिये, बिना किसी ख़ान की फिल्म किये ही धमाल की फिल्में दे रही हैं वो!
शायद इसी लिए यह ख़ान तिकड़ी डर गयी है कि जल्द ही कुछ नहीं किया गया तो यह नए सितारे छा जाएँगे और ख़ान लोगों को बाप या बड़े भाई की भूमिकाओं से ही गुज़ारा करना पड़ेगा! इसीलिए लगता हैं इन्होंने बहुत ही पुरानी कहावत को दिल से अपना लिया है: एकता में ही शक्ति है!
तभी तो और किसी की फिल्म को प्रमोट करें या ना करें, एक दूसरे की फिल्मों को ज़रूर प्रमोट करते हैं! यार, 200-300 करोड़ का व्यापर होगा तभी तो प्रोडूसर इन बूढ़े होते सितारों पर पैसा लगाते रहेंगे, वरना फिल्म फ्लॉप हुई तो अगली फिल्म किसी नए लड़के को मिल जायेगी! इसी डर से लगता है तीनों ने पक्की दोस्ती कर ली है!
देखें कितने दिन इनका भाइयों जैसा प्यार चलता है! कुछ भी कर लें, नयी पीढ़ी को रोक पाना मुमकिन ही नहीं है| हाँ, कुछ और दिनों के लिए टाल सकते हैं, ज़्यादा कुछ नहीं! कर लो, यह भी कर लो!
पर जो भी हो, इनकी दोस्ती से हमें एंटरटेनमेंट पूरा मिल रहा है लेकिन उतना नहीं जितना इनकी लड़ाई ने दिया था!
क्या कहते हैं आप?