खजुराहो की कामुक मूर्तियाँ – खजुराहों के कुछ मंदिरों को जैसे कामसूत्र का चित्रण बोला जाता है.
अक्सर यहाँ जाने से लोग डरते भी हैं क्योकि लोगों को लगता है कि यह मंदिर भगवान के नहीं बल्कि कामवासना के मंदिर हैं. लेकिन आपको बता दें कि खजुराहों के मंदिरों का इतिहास कुछ 1000 साल पुराना है.
अगर आप कभी खजुराहों के मंदिर नहीं जा पाए हैं तो आइये आज हम आपको खजुराहो की कामुक मूर्तियाँ दिखाते हैं क्योकि इनको देखकर आप यहाँ जरुर जाना चाहोगे-
खजुराहो की कामुक मूर्तियाँ –
1. स्त्री और पुरुष का चित्रण इस तरह से कामसूत्र में भी किया गया है. खजुराहो की यह विशेषता है कि यहाँ खुलकर सेक्स चित्रण किया गया है.
2. पशु के साथ सेक्स की वासना को शांत करना भी यहाँ पेश किया गया है. किन्तु इसका अर्थ यह है कि प्राचीन समय में कुछ लोग ऐसे भी होते थे जो असुर जाति के थे और इस तरह भी सेक्स करते थे.
3. सेक्स शिक्षा के तौर पर आप इस तरह की मूर्ति को देखकर भी काफी कुछ समझ सकते हैं.
4. असल में इन मूर्तियों को बनाया ही इसलिए गया था कि इंसान यहाँ कुछ देखकर सीख सके. क्योकि तब संसाधन सीमित थे इसलिए यह सेक्स शिक्षा का एक माध्यम था.
5. इस मूर्ति को देखकर ही शायद सालों बाद किसी ने इस कला के बारें में लिखा था. वैसे जो लोग इन मूर्तियों में भी सेक्स को खोजते हैं वह अज्ञानी बोले जायेंगे.
6. खजुराहो के इन सेक्स मंदिरों को कामसूत्र का पूरा चित्रण कहते हैं. यहाँ सेक्स ज्ञान का भंडार है.
7. इन तस्वीरों का यह अर्थ नहीं है कि मानव इस तरह से सेक्स करना चाहिए किन्तु मानव किस तरह से अच्छा या बुरा सेक्स करता था यह इन तस्वीरों का अर्थ है.
8. इन तस्वीरों को जब आप खजुराहो के मंदिर में देखते हैं तो आपको लगेगा कि वाकई बनाने वाले ने इनको बनाने में काफी मेहनत की होगी. एक साल या दो साल में यह सेक्स मूर्तियाँ बनकर तैयार नहीं हुई होंगी.
9. यहाँ का नाम खजुराहो इसलिए पड़ा क्योकि एक समय में यहाँ खजूरो का बहुत बड़ा बगीजा होता था. कई इतिहासकारों ने यहाँ का विवरण अपने इतिहास में किया है.
10. असल में यहाँ जो सेक्स मूर्तियाँ बनाई गयी हैं उनको वैज्ञानिक आधार पर भी सही सिद्ध किया गया है. इतिहासकारों ने बताया है कि सही से पढ़ने पर यहाँ कुछ सेक्स आकृतियों को सही बताया गया है तो कुछ को गलत बोला है.
11. धर्मों ने सही और जायज सेक्स की कभी मनाही नहीं की है. ऐसा यहाँ बताया गया है. सेक्स एक नार्मल चीज है और इसको नार्मल ही रहने दिया जाना चाहिए.
12. आज हमारे समाज में खासकर भारतीय समाज में सेक्स पर बात करना मतलब पाप समझ जाता है जबकि यह खजुराहो के अंदर सेक्स को ज्ञान के तौर पर प्रस्तुत किया गया है.
13. खजुराहो के 22 मंदिर में से एक मंदिर कंदारियाँ मंदिर की सेक्स ज्ञान के लिए जाना जाता है. यहाँ हर मंदिर में ऐसी ही चीजें नहीं दिखाई गयी हैं.
14. मंदिर की बाहरी दीवार पर कुछ 646 मूर्तियां बताई जाती हैं और मंदिर के अंदर कुछ 226 मूर्तियाँ बनाई गयी हैं.
15. ऐसा बताया जाता है कि मंदिर का निर्माण राजा विद्याधर ने मोहम्मद गजनवी को हराने के बाद कराया था.
ये है खजुराहो की कामुक मूर्तियाँ – इस तरह से खजुराहो की यह सेक्स मूर्तियां विश्वभर में हजारों सालों से प्रसिद्ध हैं. भारत के लोग यहाँ कम जाते हैं किन्तु बाहर से विदेशी खजुराहो की कामुक मूर्तियाँ देखने यहाँ सालभर आते रहते हैं.
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