केरल में बाढ़ – केरलवासियों के लिए अगस्त का महीना बहुत अशुभ साबित हो रहा है.
इस महीने की शुरुआत से ही जारी बारिश ने वहां भंयकर तबाही मचाई है और अब केरल में बाढ़ से त्रासिद हो चुका है.
केरल में बाढ़ 100 सालों का ये सबसे भंयकर बाढ़ माना जा रहा है. बारिश और बाढ़ ने अब तक 324 लोगों को अपना शिकार बनाया है और न जाने कितने इस बारिश और बाढ़ की भेंट चढ़ेंगे.
केरल में बाढ़ से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए केंद्र ने 500 करोड़ रुपये की सहायता राशि और दी है. इससे पहले केंद्र ने 100 करोड़ की मदद का भरोसा दिया था. ऐसे में केंद्र ने अबतक 600 करोड़ रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है.
‘भगवान का अपना देश’ कहे जाने वाला केरल जल प्रलय की चपेट में है और इस प्रलय की तस्वीरें देखकर किसी का भी दिल दहल जाएगा.
एनडीआरएफ और भारतीय वायुसेना भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं. राज्य के कई हिस्से पानी में पूरी तरह डूब चुके हैं. 3 लाख 14 हजार 391 लोग बेघर हो गए हैं, जिनको 2000 से ज्यादा राहत कैंपों में रखा गया है.
रक्षा मंत्रालय ने केरल को राहत और बचाव कार्य के लिए 1300 लाइफ जैकेट्स, 571 लाइफबॉय, एक हजार रेनकोट, 1300 गमबूट, 25 मोटराइज्ड बोट, नौ नॉन मोटराइज्ड बोट, 1500 फूड पैकेट और 1200 रेडी-टू-ईट मील उपलब्ध कराए हैं.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में बताया कि मोदी ने सभी मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि और गंभीर रूप से घायल लोगों को 50-50 हजार रुपये प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से भी देने की घोषणा की है. कोच्चि में एक उच्च स्तरीय बैठक की समीक्षा के बाद प्रधानमंत्री ने बाढ़ से प्रभावित कुछ क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया.
केरल में बाढ़ की तबाही से जूझ रहे अलुवा-त्रिशुर क्षेत्र के हवाई सर्वेक्षण के दौरान प्रधानमंत्री के साथ राज्यपाल पी सदाशिवम, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, केंद्रीय मंत्री के जे अल्फोंस और अन्य अधिकारी मौजूद थे.
राज्य के कुछ इलाकों में बारिश थोड़ी थमी है, लेकिन पथनमथिट्टा, अलपुझा, एर्नाकुलम और त्रिशूर जिले अब भी बारिश जारी है जिससे मुश्किलें बढ़ती जा रही है. राज्य के सबसे बड़े उत्सव ओणम के समय पूरे राज्य में बारिश और बाढ़ की वजह से मातम छाया हुआ है.