जब व्यक्ति खुद कुछ नहीं कर पाता है, तब वह दूसरों की बुराई करना शुरू कर देता है.
अभी वही काम दिल्ली सरकार के मुखिया कर रहे हैं. अरविन्द केजरीवाल यहाँ लिखी गयी बातों को मात्र एक न्यूज़ न समझें. बल्कि यह एक खुला पत्र है, ये केजरीवाल सरकार का सबसे बड़ा झूठ है, जिसका जवाब अरविन्द केजरीवाल को देना होगा.
दिल्ली के अन्दर लगातार बिजली संकट बना हुआ है.
मुख्यमंत्री जी दावा करते हैं कि अगर किसी इलाके में एक निश्चित समय से ज्यादा बिजली कटौती हुई तो उसका हर्जाना कंपनी देगी और साथ ही साथ उपभोक्ता को भी कंपनी हर्जाना देगी.
जब यह वादा टेलीविजन पर इनके मंत्री करते हैं तो कितना मजा आता है लेकिन यह वादा झूठा है.
ये भी केजरीवाल सरकार का सबसे बड़ा झूठ है.
असल में ऐसा कोई कानून है ही नहीं. अरविन्द केजरीवाल झूठ बोलकर जनता को धोखा दे रहे हैं. लालच बहुत बुरी चीज होती है इसका अंदाजा अभी केजरीवाल जी को हुआ ही नहीं है. जो व्यक्ति दिल्ली नहीं संभाल पा रहा है, वह व्यक्ति दूसरे राज्यों में जाकर लोगों को झूठे सपने दिखा रहा है.
अगर वाकई केजरीवाल सरकार में जरा भी इंसानियत बची है तो आम आदमी सरकार को अपने द्वारा किये गये कार्यों का एक बार ब्यौरा जरूर देना चाहिए. लेकिन जब कुछ किया ही नहीं है तो वह दूसरों की बुराई करने के अलावा और कुछ नहीं करते हैं.
केजरीवाल जी यह मामला दिखा रहा है कि आप बिजली कम्पनियों के साथ मिले हुए हो
दरअसल मामला दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके के करावल नगर से है. यहाँ अक्सर बिजली लगातार 5 घटों के लिए गायब हो जाती है. कभी-कभी तो रात के 2 बजे जाती है और सुबह 9 बजे तक आती है. कभी दोपहर में घंटों गायब रहती है. चलिए बिजली कम्पनियां बोलती हैं कि फाल्ट हो जाते हैं.
तो यह फाल्ट केजरीवाल जी के घर की तरफ क्यों नहीं होते हैं?
जनता तो भगवान होती हैं ना?
और जनता ही लोकतंत्र में राजा भी होती है?
लेकिन कलयुग देखिये कि भगवान अँधेरे में रहता है और राजा गर्मीं में रो रहा होता है.
जब लिखवाई कंप्लेंट
जिस व्यक्ति ने यह पूरा किस्सा हमें सुनाया है उसके पास अपने कंप्लेंट नंबर भी हैं जो उसने लाइट जाने पर BSES कस्टमर केयर पर शिकायत दर्ज कराने पर लिखवाये थे. दोनों बार ही लाइट 5 घंटों से अधिक गायब थी. जब BSES पर शाहरुख़ नाम के अधिकारी से यह बोला गया कि आप 2 घंटे से ज्यादा लाइट नहीं काट सकते हैं और अब आपको फाइन देना होगा तो यह अधिकारी हँसने लगता है और बताता है कि ऐसा कोई कानून है ही नहीं. मुख्यमंत्री जी आपसे झूठ बोलते हैं.
(यदि कोई अधिकारी यह शिकायत नंबर चाहता है तो उसको यह शिकायत नंबर भेज दिए जायेंगे.)
तो ठगा महसूस करता है एक मतदाता
जब इस व्यक्ति को पता चलता है कि आम आदमी सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री झूठ बोलते हैं तो वह ठगा महसूस करता है. आप वाले बोलते हैं कि लगातार लम्बे समय तक लाइट काटने पर कम्पनियों पर जुर्माना होगा, वहीँ कम्पनियां कहती हैं कि ऐसा कोई कानून नहीं है. तो साफ़ दिखता है कि मुख्यमंत्री जी ने कम्पनियों से कोई डील कर ली है.
तो अब सरकार को यह सबूत पेश करना चाहिए कि उसने कितनी बार बिजली कम्पनियों पर लाइट काटने के लिए जुर्माना किया है और कितनी बार ग्राहक को इसका लाभ मिला है.
मुख्यमंत्री सबूत के तौर पर अब इसे साबित करें कि वह सच्चे हैं अन्यथा जनता आगामी चुनाव में उनको यह दिखाएगी कि लोकतंत्र में झूठे लोगों का हश्र कैसा और क्या होता है.