यही कारण है कि जहाँ पहले के लोग एक ही नौकरी में पूरी ज़िन्दगी बिता दिया करते थे, वहीं आज लोगों के बायो-डेटा में एक कंपनी के साथ मुश्किल से एक-दो साल की नौकरी नज़र आती है! इसके पीछे कारण यही है कि सबको लगने लगा है एक जगह काम करो, थोड़ा अनुभव लो और फिर कुछ और पैसों के लिए फ़टाफ़ट दूसरी नौकरी पकड़ लो! फिर वहाँ कुछ समय काम किया और उसके बाद एक छोटी-सी प्रमोशन और कुछ और पैसों के लिए दूसरी जगह नौकरी पकड़ ली| मतलब 4-5 सालों की नौकरी में 3-4 कंपनियाँ बदल ली जाती हैं!