कीमा वाले नान – पाकिस्तान में इस बार आम चुनाव 25 जुलाई को होने जा रहे हैं और इस वजह से दुनियाभर में पाकिस्तान की राजनीति की चर्चा हो रही है।
आज हम आपको पाकिस्तान की राजनीति से जुड़ा बेहद दिलचस्प किस्सा सुनाने जा रहे हैं।
दरअसल, पाक में चुनावों के साथ ही कीमा वाले नान की डिमांड बहुत बढ़ जाती है। सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा होगा लेकिन ये सच है। आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है ?
कीमा वाले नान की दावत
वैसे तो लाहौर की गलियों में कीमा वाले नान को बहुत पसंद किया जाता है लेकिन चुनावी दौर में इनका काम बिलकुल ही ठप्प पड़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चुनावी मौसम में राजनीतिक दल कीमा वाले नान की मुफ्त में दावतें देते हैं और कोई भी दुकान जाकर इन नान को नहीं खरीदता है। लाहौर की बड़ी-बड़ी दुकानों को सियासी दलों से ही कॉन्ट्रैक्ट मिल जाते हैं।
कृष्णा नगर का एक किस्सा
आज हम आपको 1985 का लाहौर के कृष्णा नगर में कीमा वाले नान से जुड़ा एक किस्सा बताते हैं। उन दिनों में चुनाव के दौरान इलेक्शन ऑफिय में जायकों की लिस्ट तैयार की जाती थी। 1985 में ही नवाज़ शरीफ ने आम चुनावों में कदम रखा था। उस समय कीमा वाले नान ने देश की पूरी राजनीति की तस्वीर ही बदल दी थी। वोटिंग की लाइन में लगे लोगों को दोपहर करीब 3-4 बजे शरीफ के पेालिंग एजेंट कीमा वाला नान और जूस का एक पैकेट देते थे।
उस दौर में सेनाध्यक्ष जनरल गुलाम जिलानी खान ने अपने वीटो का इस्तेमाल कर तोहफे में नवाज़ शरीफ को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया था। जैसे ही शरीफ मुख्यमंत्री बने वैसे ही लाहौर में कीमा वाले नान की डिमांड अचानक से बढ़ गई। कृष्णानगर, मोजांग और गवलमंडी के नान बहुत पसंद किए जाते थे।
हौसला बढ़ाने के लिए नान की परंपरा
चुनाव के दौर में दोपहर को वोटर्स का हौसला बढ़ाने के लिए नाश्ते की पंरपरा शुरु हुई। इस परंपरा को पहले नूनलीग कहा जाता था। जब बाद में वोटरों को कीमा वाला नान दिया जाने लगा तो इसे नान लीग का नाम दे दिया गया।
नवाज़ शरीफ ने खूब उठाया फायदा
1997 में नवाज़ शरीफ का राजनीतिक करियर अपने चरम पर था। चुनाव में जीतने के लिए मियां साहिब ने लाहौर के होटल में वोटरों के लिए स्पेशल कैंप लगवाया जिसमें कीमा नान परोसे गए। उन्होंने अलग-अलग शहरों में वोटरों के लिए कीमा नान बनवचाए। इसके बाद कुछ नेताओं ने बिरयानी परोसनी शुरु कर दी लेकिन कीमा नान की जगह कोई नहीं ले पाया।
लाहौर जैसे कीमा नान पूरे पाकिस्तान में नहीं मिलते हैं और इसी वजह से इनकी डिमांड इतनी ज्यादा है। इसकी खास बात तो ये है कि इसे परोसने में किसी तरह के अलग इंतजाम की जरूरत नहीं पड़ती है।
इस खबर को पढ़ने के बाद तो लगता है कि जिसकी पार्टी लाहौर में सबसे टेस्टी कीमा वाले नान परोसेगी चुनाव में उस पार्टी की जीत की संभावना उतनी ही ज्यादा बढ़ जाएगी।
अब देखते हैं कि इस बार के आम चुनावों में कौन-सी पार्टी बाजी मारती है।
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