कठुआ रेप के आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। अब देखना है कि उसकी मां क्या कहेगी?
यह हर फिल्म में डॉयलॉग रहता है और आदर्शवादी किताब में लिखा रहता है कि समाज को नैतिक बनाना है तो उसकी जिम्मेदारी घर की पाठशाला से ही शुरू होती है। लेकिन फिर भी शायद ही ऐसा होता होगा। हमारे देश में तो बिल्कुल भी नहीं। तभी तो रेप किए हुए लड़कों की मां और बहन खुलेआम अपने बेटे और भाई का बचाव करते हुए बयान देती है और रेप पीड़ित लड़कियों के बारे में ही उल्टा सीधा बोलती है। जिन महिलाओं के पति ऐसा करते हैं उनकी भी पत्नियां अपने पति के निर्दोष होने का बयान देती है।
क्या रियली में इन लोगों को समझ नहीं आता कि वह ऐसा कर के अपने लिए ही मुसीबत मोल ले रही हैं। आज वह अपने रेपिस्ट रिलेटिव्स को बचा रही हैं तो कहीं खुदा ना खास्ता कोई लड़का उनके साथ कल कुछ गलत करे और उस लड़के की भी मां, बहन और पत्नी बचाव करे।
कठुआ रेप कहानी
ये सब बातें क्यों ?
अब आप सोच रहे होंगे कि अचानक से ये सब बातें क्यों की जा रही है। इसलिए क्योंकि बीते शुक्रवार को कठुआ रेप के एक आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। जुर्म कबूल करने वाले आरोपी का नाम है- सांझी राम।
सांझी राम ही इस पूरे मामले का मास्टर माइंड था और यह उस देवीस्थान का सेवादार है। यही बकरवाल समुदाय को उस स्थान से हटाना चाहता था। सांझी राम का बेटा और उसका भतीजा भी इस मामले के आरोपी हैं। सांझी राम का बेटा विशाल भी इस अपराध में शामिल था और वह मेरठ में पढ़ता था।
विशाल की मां ने ही अपने बेटे को बताया था बेगुनाह
कुछ दिन पहले इसी आऱोपी की मां का बयान आया था कि “मेरा बेटे ने कुछ नहीं किया है। वह तो अपराध वाले दिन मेरठ में था।”
अब क्या कहेगी यह मां?
मां की भावनाओं की हर कोई कद्र करता है। लेकिन जहां सच की बात आती है वहां तो भावनाओं को आप किनारे कर सकते हैं। खासकर तो तब जब आप खुज एक महिला हैं। यह बात हमेशा से कही जाती रही है कि एक महिला दूसरे महिला का दर्द आसानी से समझ सकती है। लेकिन जब इस कथन को स्थितियों पर तौलने की बात आती है तो यह केवल कोरे शब्द लगते हैं। खैर… इस पर कभी और बात होगी। अभी फिलहाल यह कठुआ रेप के आरोपियों पर बात कर लेते हैं जिन्होंने काफी दरिंदगी से एक बच्ची के साथ गलत हरकत की और फिर उसकी हत्या कर दी। वह भी केवल एक समुदाय को हटाने के लिए।
मतलब सच ही कहा जाता है कि किसी भी परिवार या किसी से भी बदला लेना हो तो उनके परिवार या घर की बहु-बेटियों पर हमला करो। यानी की हमलोग कहने के लिए तो विकसित हो गए लेकिन सच-झूठ और बदले की राह में अब बी पांच हजार सालों पहले ही रीत को फॉलो कर रहे हैं। फर्क केवल यह है कि पहले हम खुलेआम गलत हरकत कर हत्या करते थे अब प्लानिंग प्लॉटिंग कर। लगता है यही है विकास। छह महीने की बच्ची से लेकर सोलह साल तक की बच्ची तक का रेप करना।
आठ आरोपी
इस मामले में आठ आरोपी हैं। पहला तो सांझी राम, जिसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। दूसरा और तीसरा, इसके भतीजा और बेटा है।
चौथा आरोपी स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक खजुरिया है जिसने बच्ची को मारने से पहले एक बार रेप करने की इच्छा जाहिर की थी। उसका नाम पहले आरोपी ने अपने बयान में लिया था। कॉल डेटा रिकॉर्ड के हवाले से भी सामने आया कि वह उसी जगह पर मौजूद था जहां बच्ची को 4 दिनों के लिए बंद कर रखा गया था।
मामले में पांचवा आरोपी है स्पेशल पुलिस ऑफिसर सुरिंदर कुमार। चश्मदीदों ने उसे घटना वाली जगह देखा था। कॉल डेटा रिकॉर्ड में भी उनकी मौजूदगी सामने आई। छठवा आरोपी परवेश कुमार है जिसने बच्ची से लगातार रेप किया था। वहीं दो अन्य पुलिकर्मियों को मामले की जानकारी होने और रिश्वत लेकर इसे रफा-दफा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यही सातवें और आठवें आरोपी हैं।
आगे राह लंबी है…
कठुआ रेप केस में अभी तो केवल सांझी राम ने जुर्म कबूल किया है वह भी पुलिस के सामने। आगे इंसाफ की राह लंबी है। तब तक देखना है कि इन आरोपियों की मां और बहनें क्या कहती हैं।
नमस्कार। जय हिंद!!