कश्मीर सुपर 50 – बाहर के सुपर 30 का नाम तो हर किसी ने सुना होगा। यह गरीब बच्चों के लिए चलाई जाने वाली कोंचिंग है। जिसमें आनंद कुमार नाम के व्यक्ति 30 गरीब बच्चों को आईआईटी की तैयारी करवाते हैं।
इस कोचिंग संस्थान से हर साल नब्बे प्रतिशत बच्चों का सलेक्शन आईआईटी में होता है। इसी के कारण बिहार के गरबी बच्चे अपने भविष्य के सपने बुन पा रहे हैं और इसी के कारण सुपर 30 को केवल अपने देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में पहचान मिली हुई है।
अब इसी के तर्ज पर कश्मीर में भी सुपर 50 शुरू की जा रही है।
प्रोजेक्ट कश्मीर सुपर 50
हर किसी को मालूम है कि कश्मीर में बच्चों की पढ़ाई कि स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। साल में आधे से ज्यादा समय तो वहां स्कूल ही बंद रहते हैं। ऐसे में कश्मीर में पढ़ाई की स्थिति सुधारने के लिए वहां प्रोजेक्ट “कश्मीर सुपर 50” शुरू किया गया है। यह प्रोजेक्ट भारतीय सेना, सेंटर फॉर सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड लीडरशिप (Center for Social Responsibility and Leadership -CSRL) और पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड (PETRONET LNG Limited -PLL) की एक संयुक्त पहल है। कश्मीर क्षेत्र में आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के बच्चों की शैक्षणिक स्थिति में बदलाव करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम को 22 मार्च, 2013 को शुरू किया गया था।
करवाई जाती है इंजीनियरिंग की तैयारी
इस कोचिंग संस्थान में भी बच्चों को इंजीनियरिंग की तैयारी करवाई जाती है। इसके तहत जेईई, जेकेसीईटी व अन्य इंजीनियरिंग परीक्षाओं के लिये छात्र तैयारी करते हैं। यहां बच्चों के लिए आवास का प्रबंध भी होता है। इस कार्यक्रम की अवधि 11 महीने है। यहां गरीब बच्चों का सलेक्शन उनके मार्क्स और बैकग्राउंड के आधार पर किया जाता है। जो बच्चे बहुत गरीब है और अपनी पढ़ाई का खर्च वहन नहीं कर सकते व पढ़ाई में तेज हैं उन्हें इस प्रोजेक्ट के तहत मुफ्त में इंजीनियरिंग की तैयारी करवाई जाती है।
सफल है यह प्रोजेक्ट
जिस तरह से बिहार का सुपर 30 सफल है उसी तरह से भारतीय सेना के अनुसार यह प्रोजेक्ट सफल है। माना जाता है कि कश्मीर सुपर 50 भारतीय सेना के सबसे सफल कार्यक्रमों में से एक है। इसने जम्मू-कश्मीर के युवाओं के जीवन को प्रभावित किया है और युवाओं को एक सही मार्गदर्शन उपलब्ध कराया गया है जो उन्हें अपना भविष्य बनाने का एक अवसर देते हैं। घाटी में पुरे हालातों को सामान्य बनाने में भी इस प्रोजेक्ट ने एक मिसाल पेश की है। इस प्रोजेक्ट ने कई युवाओं को इंजीनियरिंग के कॉलेजों में एडमिशन दिलाने में मदद की है।
हाल ही में कश्मीर सुपर 50 के अनुरूप भारतीय सेना ने राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (National Eligibility-cum-Entrance Test-NEET) के लिये हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Hindustan Petroleum Corporation Limited – HPCL) और एनआईईडीओ (National Integrity Educational Development Organisation – NIEDO) के साथ समझौता किया है।
32 छात्रों ने क्लियर किया जेईई (मेंस) इस साल
इस साल भी ‘कश्मीर सुपर 50’ का रिजल्ट शानदार रहा है। इसके 32 छात्रों ने जेईई (मेंस) क्लियर किया है। यह सुपर 50 का पांचवा बैच था। इन छात्रों में से 7 ने जेईई (अडवांस्ड) क्लियर किया है। कोचिंग के लिए चुने गए कुल 50 छात्रों में से 45 लड़के और पांच लड़कियां थीं। उनको जेईई, जेकेसीईटी और अन्य इंजिनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए मुफ्त रेजिडेंशल कोचिंग मुहैया कराई गई।
सुपर 30 के 26 छात्रों ने क्लियर किया IIT-JEE (Advanced)
आपको बताते चलें कि इस साल बिहार के सुपर 30 का रिजल्ट भी नब्बे प्रतिशत सफल रहा है। आनंद कुमार के ‘सुपर 30’ के 26 विद्यार्थियों ने इस साल IIT-JEE (Advanced) की परीक्षा में सफलता हासिल की है। आनंद कुमार ने 2002 में संस्थान की शुरुआत की थी।
इन सुपर 30 और सुपर 50 के परिणामों को देखते हुए ऐसा लगता है कि सभी राज्यों में ऐसे सुपर प्रोजेक्ट चलाये जाने चाहिए। जिससे कि गरीब तबकों के बच्चों को एक सही गाइडेंस और सहारा मिल जाए। क्योंकि गरीब बच्चों को यही नहीं मालूम होता है कि शुरुआत कहां से की जाए। जबकि इन प्रोजेक्ट्स के तहत उन्हें पूरा मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाता है।
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