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अखंड सौभाग्य के लिए सोलह श्रृंगार करके इस तरह से करें करवा चौथ का व्रत !

करवा चौथ के दिन

करवा चौथ के दिन – हिंदू धर्म में विवाहित महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत खासा महत्व रखता है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और सोलह श्रृंगार करके अखंड सौभाग्य के लिए भगवान से कामना करती हैं.

अखंड सौभाग्य का पर्व करवा चौथ हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है. इस बार पूरे देशभर में 8 अक्टूबर को करवा चौथ का पर्व मनाया जा रहा है.

हालांकि करवा चौथ का यह पर्व उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.

सरगी खाकर करें व्रत की शुरूआत

अगर आप भी अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत कर  रही हैं तो आपको बता दें कि विवाहित महिलाएं करवा चौथ वाले दिन सूरज निकलने से पहले उठकर सरगी खाती हैं. ये सरगी उन्हें उनकी सास तैयार करके देती हैं.

सरगी खाने के बाद व्रत करनेवाली महिला को तब तक पानी नहीं पीना चाहिए जब तक कि वो रात में चांद का दीदार ना कर लें. चांद के सामने छलनी से अपने पति का चेहरा देखकर और चांद को जल अर्पित करने के बाद अपने पति के हाथों से जल पीकर महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं.

पूजन की विधि और शुभ मुहूर्त

इस बार करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 16 मिनट से 7 बजकर 30 मिनट तक का है. जबकि चंद्रोदय शाम को 8 बजकर 40 मिनट पर होगा.

करवा चौथ के दिन भगवान शिव, माता पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, गणेश और चंद्रमा का पूजन किया जाता है. पूजन करने के लिए बालू या सफेद मिट्टी की वेदी बनाकर इन सभी देवी-देवताओं को स्थापित करें. फिर यथाशक्ति श्रद्धाभाव के साथ उनका पूजन करें.

पूजा के दौरान हलवा और आठ पूरियों का भोग लगाकर करवा चौथ व्रत की कथा पढ़ें या सुनें. इसके साथ ही एक लोटा, एक वस्त्र और एक विशेष करवा दक्षिणा के रुप में सास या फिर सास तुल्य किसी महिला को अर्पित कर पूजन का समापन करें.

करवा चौथ से जुडे रीति-रिवाज

सुहागन महिलाएं करवा चौथ का व्रत ग्रूप में भी करती हैं. इस खास मौके पर चंद्रमा को देखने से पहले विवाहित महिलाओं द्वारा एक समारोह का आयोजन किया जाता है.

जिसमें व्रत करनेवाली महिलाएं लाल रंग की साड़ी या लहंगा पहनकर सोलह श्रृंगार करके शामिल होती हैं. इस समारोह में सभी महिलाएं गोल आकार में एक साथ बैठती हैं और अपनी पूजा की थालियों को घुमाते हुए करवा चौथ की कहानी सुनाती हैं.

इसके बाद महिलाएं देवी पार्वती की मूर्ति की पूजा कर अपने पति की लम्बी उम्र की कामना करती हैं और अपने करवे को सात बार घुमाती हैं. इसके साथ ही भगवान को हलवा, पूरी,  मीठी मठरी और खीर का भोग लगाया जाता है.

स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद उठाएं

करवा चौथ के दिन भले ही पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत करती हैं लेकिन इसके साथ ही उन्हें परिवार के साथ तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजनों का लाभ उठाने का मौका मिलता है.

करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले जो सरगी खाई जाती है उसमें मठरी, मिठाई, काजू-किशमिश, ड्राई फ्रूट्स और अन्य खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं.

वहीं चांद का दीदार करने के बाद महिलाएं अपने परिवार के साथ खीर, छोले पूरी, चाट, दही भल्ला, पुलाव जैसे स्वादिष्ट व्यंजनों को खाकर अपने व्रत का समापन करती हैं.

गौरतलब है कि करवा चौथ के दिन करवा चौथ का यह व्रत महिलाओं को अखंड सौभाग्य प्रदान करता है इसलिए हर सुहागन महिला को अपने पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत जरूर करना चाहिए.