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कलईनार के नाम से कैसे लोकप्रिय हुए थे करुणानिधि?

करुणानिधि

कभी ना हारने वाले द्रविड़ नेता करुणानिधि अब हमेशा के लिए आराम करने के लिए गहरी नींद सो चुके हैं।

पचास साल तक ना हारने वाले इस नेता की जिंदगी में अब ऐसी कोई भी चीज नहीं बाकि थी जिसका उनको मलाल हो। साहित्य, फिल्में और राजनीति… हर क्षेत्र में हाथ आजमा चुके करुणानिधि एक अच्छे स्क्रिप्ट राइट के तौर पर जाने जाते हैं। इसलिए तो उनकी लिखी हर फिल्म और हर राजनीतिक आंदोलन हिट रहा।

पांच बार रहे मुख्यमंत्री

तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। 7 अगस्त, 2018, मंगलवार को चेन्नई के कावेरी अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। यह तमिलनाडु के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और इन्हें गरीब जनता बहुत प्यार करती थी। पचास साल तक सबसे बड़ी द्रविड़ पार्टी के अध्यक्ष रहने वाले पहले नेता हैं।

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कलईनार के नाम से थे लोकप्रिय

करुणानिधि ने गरीबों के लिए बहुत कुछ किया है और इस कारण उन्हें गरीब जनता काफी प्यार भी बहुत करती थीं। अपने शुभचिंतकों के बीच करुणानिधि कलईनार के नाम से लोकप्रिय थे। कलईनार का मतलब तमिल भाषा में कला का जानकार होता है। एक राजनेता होने के अलावा उन्होंने दक्षिण भारतीय फिल्मों के लिए पटकथा लेखन भी किया था और कई कविताएं व किताबें भी लिखी थीं। इस कारण ही उनके दोस्त और उनके जानने वाले उन्हें कलईनार के नाम से पुकारते थे।

तमिलनाडु के लोग हमेशा से ही सिनेमा के प्रशंसक रहे हैं। करूणानिधि ने लगभग 70 फिल्मों की पटकथा लिखी जिनमें “पराशक्ति”, “मंतिरी कुमारी”, “मलैकलन” और “मनोहरा” जैसी हिट फिल्में भी शामिल हैं।

करुणानिधि

लगाते थे काला चश्मा

आपने गौर किया होगा कि करुणानिधि हमेशा काला चश्मा लगाते थे। दरअसल उनकी बाईं आंख 1968-69 में हुए एक हादसे में क्षतिग्रस्त हो गई थी जिसके बाद डॉक्टरों की सलाह पर उन्होंने 1970-71 में काला चश्मा पहनना शुरू किया था। करीब 46 साल बाद उन्होंने वर्ष 2017 में अपना पुराना चश्मा बदला और लगभग 40 दिन की तलाश के बाद नया चश्मा जर्मनी से मंगाया था।

दफनाकर किया गया अंतिम संस्कार

द्रविड़ आंदोलन के प्रमुख करुणानिधि को दफनाकर अंतिम संस्कार किया गया। दरअसल इस आंदोलन से जुड़े लोग हिंदू धर्म की परंपरा को नहीं मानने के लिए जाने जाते हैं। इससे पहले डीएमके संस्थापक अन्नदुरई, एआईएडीएमके संस्थापक एम. जी. रामचंद्रन और पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता को भी दफनाया गया था।