क्या कारगिल युद्ध का कारण भारतीय गुप्तचर संस्था की विफलता था या नेताओं की अनदेखी
कारगिल में घुसपैठ काफी समय से हो रही थी. ऐसे दुर्गम स्थान पर रातों रात बंकर बनाकर छुपना असम्भव है.
भारतीय एजेंसियों को इसकी खबर थी पर उन्हें स्थिति की गंभीरता का पता नहीं था. उन्हें लगा कि ये भी वैसी ही घुसपैठ है जैसी आम तौर पर घाटी में होती है.
ये भी सुनने को भी मिलता है कि एजेंसियों ने जानकारी सही समय पर दी थी पर सरकार ने गभीरता से नहीं लिया. यही वजह थी कि इस सैनिक संघर्ष की शुरुआत में भारत को अपने कई जवान खोने पड़े.
विषम परिस्थितियां और ऐसा दुश्मन जो खंदकों मे छुपकर वार कर रहा था.
ऐसी विषम परिस्थियों में भी भारतीय सेना के जवानों ने हार नहीं मानी और लाइन ऑफ़ कण्ट्रोल में रहते हुए ही दुश्मन को मार भगाया.
इस युद्ध में करीब 550 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे और करीब 1300 घायल हुए थे.
शहीद सैनिकों में से अधिकतर कम उम्र के जवान थे.