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ये है 5000 बिच्छओं के साथ 33 दिन तक रहने वाली लङकी !

कंचना काएतकावे

कंचना काएतकावे – हमें से कई लोगो को घरो में आमतौर पर गंदगी से आने वाले काॅकरोचो से तक बहुत डर लगता है।

फिर अगर ऐसे में किसी को बिच्छओं के साथ एक महीने तक रहने को कहा जाए तो। या फिर किसी जहरीले  सांप को अपने साथ रखने को कहा जाए तो क्या कोई कर पाएगा। नहीं ना। लेकिन फिर भी अक्सर हमने किस्से कहानियों में विष कन्याओं या ऐसे लोगों के बारे में सुना है। जिनके शरीर पर सांप और बिच्छओं के जहर का कोई असर नहीं होता था

पुराने वक्त में इन विष कन्याओं और लोगो  को राजा अपने दुश्मन के खिलाफ इस्तेमाल करते थे। हालांकि आज के वक्त में ये सब बातें किस्से कहानियों से ज्यादा कुछ नहीं है। यहाँ तक कि आज के वक्त में लोग काॅकरोच छिपकली से भी डरते हैं। फिर

जहरीले  बिच्छओं और सांप देखकर तो कोई भी बेहोश हो जाएगा।

कंचना काएतकावे

हालांकि कुछ  लोग आज भी ऐसे है जिन्हें खतरनाक जानवरों पसंद होते है। और उन्हें डर नही लगता । लेकिन कोई बिच्छू जैसे जहरीले प्राणी से भले ही डरे न डरे । लेकिन इनके साथ रहने की हिम्मत फिर भी  नही करेगा ।क्योंकि  जहरीले बिच्छओं के डंक से कोई भी इंसान कुछ सेकंड में मर सकता है। हालांकि थाइलैंड की एक महिला ने जहरीले बिच्छओं के साथ रहना का एक नया रिकॉर्ड बनाया है।

थाइलैंड की ये महिला कंचना काएतकावे हर वक्त  बिच्छओं के बीच रह सकती है।

इस महिला की इसी खूबी के कारण वहाँ के लोग इस महीला को ‘स्कॉर्पियन क्वीन’ यानि ‘बिच्छओं की रानी ‘ कहते हैं। और ये नाम भी इस महिला को इनके हैरतअंगेज कारनामों की वजह से  मिल रहा है। हैरानी की बात ये है कि इस महिला को जहरीले बिच्छओं के जहर से कोई हानि भी नहीं पहुँचती है। जो इस महिला को दूसरी महिलाओं से अलग बनाता है।

इस महिला का नाम कंचना काएतकावे है। 39 साल की कंचना 33 दिन तक 5000 हजार बिच्छओं के साथ रही है। सुने में बहुत अजीब तो लगता ही है । साथ ही खतरनाक भी है। लेकिन कंचना ने ये  हैरतअंगेज और खतरनाक काम कर दिखाया है। साथ ही कंचना ने जहरीले बिच्छओं को 3 मिनट 28 सेकेंड तक अपने मुँह में रखने का कारनामा भी किया है। जिसके लिए कंचना काएतकावे का नाम गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है। कंचना काएतकावे को बिच्छओं से बहुत ज्यादा प्यार है। कंचना बिच्छओं को अपने मुँह में भी रख लेती हैं।वैसे कंचना काएतकावे का जहरीले बिच्छओं के बीच रहना और बिच्छओं के जहर का कंचना के शरीर पर असर न करना चमत्कार ही है।