90 के दशक में कमाठीपुरा उन इलाकों में से था जहाँ सबसे ज्यादा वेश्याएं थी. एक अनुमान के मुताबिक उस समय कमाठीपुरा करीब 50,000 वेश्याओं और उनके परिवार का घर था. बाद में बढती कीमतों और पुलिस की मुस्तदगी की वजह से धीरे धीरे वेश्याएं यहाँ से मुंबई के दुसरे इलाकों में बसने लगी.