धर्म, देवी देवता, और भगवान से जुडी अनेक रोचक और रहस्यमय बाते आपने सुनी होगी.
लेकिन आज हम आपको एक ऐसी देवी के बारे में बताएँगे जिसको मासिक धर्म आता है. वैसे तो जब औरतों और लड़कियों को मासिक धर्म होता है तो उनको अपवित्र माना जाता है और हिन्दू धर्म के मुताबिक अनेक कार्य वर्जित कर दिए जाते हैं.
परन्तु इस देवी के मासिक धर्म की शुरुआत से अलग तरह से मेला लगाकर उत्सव मनाते है.
तो आइये जानते है कौन है यह देवी, जिनको मासिक धर्म आता है.
असाम के नीलांचल पर्वत में कामाख्या देवी का मंदिर है .
कामख्या देवी जादू-टोना तंत्रमंत्र सिद्धि के लिए जानी जाती है, लेकिन इस देवी में एक और अलौकिक बात है जो इसको अन्य देवियों से अलग रखती है.
बताया जाता है कि कामख्या देवी की उत्त्पति देवी सती की योनी गिरने से हुई थी. इसलिए यह देवी का मंदिर 51 शक्तिपीठ में से एक माना गया है. इस शक्ति पीठ को महा शक्तिपीठ कहा गया है. यहाँ पर योनी की पूजा भी की जाती है.
इस देवी को मासिक धर्म भी होता है.
इस देवी के मासिक धर्म के साथ इस जगह पर अम्बुवासी मेला लगाया जाता है. इस मेले के दौरान 3 दिन तक इस मंदिर में जाना मना होता है. इस दौरान तीन दिन तक देवी के मंदिर से लाल रक्त के समान तरल द्रव्य देवी के मंदिर से बाहर बहकर आता है.
पांच दिन बाद मंदिर का दरवाजा खोलकर साफ सफाई की जाती है.
देवी को मासिक धर्म होने की तिथि पंचांग से निकला जाता है और इस दौरान असम के सभी मंदिर 3 दिन तक बंद रखा जाता है. पांच दिन बाद मंदिर और आसपास के सामान की अच्छी तरह साफ़ सफाई की जाती है और मंदिर को देवी को शुद्ध किया जाता है.
देवी का मासिक धर्म आषाढ़ माह से सातवें दिन तक प्रारंभ होता है. इस साल २२ जून को हुआ था.
इस दौरान अम्बुवासी मेला चलता है, जिसमे देश विदेश के भक्त, साधू संत, और ऋषि इस मंदिर में आते है.
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