द्वापरयुग के समाप्त होते ही कलयुग का आरंभ हुआ.
इस कलयुग के शुरूआत होने से हज़ारों साल पहले इस युग में होनेवाले परिवर्तन और पापों के बारे में भविष्यवाणी की गई थी.
हज़ारों साल पहले की गई भविष्यवाणी आज हकीकत में तब्दील हो चुकी हैं. जैसे-जैसे कलयुग अपनी चरम सीमा की ओर कदम बढ़ा रहा है उसी रफ्तार से सारी मर्यादाओं का उल्लंघन करते हुए इंसान अपने पापों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी कर रहा है.
युग बदलने के साथ-साथ हत्या, धोखा, चरित्र हनन और चालबाज़ी जैसे न जाने कितने ही पाप आए दिन इंसान कर रहा है लेकिन यहां हैरत की बात तो यह है कि इन पापों में भागीदार बनने वाले लोगों में भगवान का ज़रा सा भी खौफ नहीं है.
आइए नज़र डालते हैं कलयुग के पाप पर जो किसी महापाप से कम नहीं हैं.
1 – बलात्कार
इस कलयुग में महिलाएं और बच्चियां अपनो के बीच भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं. आए दिन हमे बलात्कार जैसी घटनाएं देखने और सुनने को मिलती हैं.
जैसे कहीं किसी के पिता ने ही अपनी बेटी को अपनी हवस का शिकार बना लिया, तो कहीं किसी दरिंदे ने मासूम बच्ची को भी नहीं बख्शा, वहीं किसी महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया जाता है.
2 – काम वासना
कलयुग में ज्यादातर अपराध के पीछे काम वासना छुपी होती है. ज्यादातर लोगों में काम वासना इस कदर घर कर गई है कि वो किसी को सम्मानजनक नज़रों से देख ही नहीं सकते.
मर्द जहां अपनी वासना भरी नज़रों से ही सड़क पर चलनेवाली महिलाओं का बलत्कार कर देते हैं तो वहीं महिलाओं के अंदर छुपी वासना के शिकार मर्द भी बन रहे हैं.
3 – मानव हत्या
महज़ अपने स्वार्थ के लिए किसी को मौत के घाट उतार देना किसी महापाप से कम नहीं है. लेकिन ये सब जानते हुए भी आए दिन कोई संपत्ति को हथियाने के लिए अपनों का खून बहाने से भी नहीं चूकता है,
तो कोई अपने नाज़ायज संबंधों के लिए किसी को रास्ते से हटा देता है. कहीं कोई अपनी झूठी शान और इज्ज़त का हवाला देकर अपनों को मौत के घाट उतार देता है.
4 – चरित्र हनन
कलियुग में ज्यादातर रिश्ते चारित्रिक हनन की वजह से टूटने को मजबूर है. कहीं कोई पत्नी किसी गैर मर्द के साथ अनैतिक संबंध जोड़ रही है तो कहीं कोई पुरुष किसी गैर महिला से अनैतिक संबंध बना रहा है.
इस युग में मानों मर्द और औरत के संबंधों में पारदर्शिता, एक-दूसरे के लिए समर्पण की भावना महज़ शब्दों तक ही सीमित रह गई हैं. चारित्रिक हनन शारीरिक महापाप की श्रेणी में आता है जो तेज़ी से बढ़ रहा है.
5 – भ्रष्टाचार
देश में भ्रष्टाचार के मामलों में मानों दिन दुगुनी और रात चौगुनी रफ्तार से इज़ाफा हो रहा है. एक ओर जहां देश की जनता भ्रष्टाचार से पूरी तरह त्रस्त है, वहीं दूसरी ओर जनता के सेवक कहे जानेवाले नेता अपने आप में मस्त हैं.
यहां बड़ी-बड़ी योजनाओं के नाम पर जनता को बेवकूफ बनाकर नेता भ्रष्टाचार कर रहे हैं और अपना मुनाफा साध रहे हैं जबकि जनता इसका खामियाज़ा भुगतने को मजबूर है.
6 – हिंसा करना
किसी को बेवजह शारीरिक नुकसान पहुंचाना या फिर उसके साथ मारपीट करना सिर्फ निंदनीय ही नहीं बल्कि एक पाप भी है, फिर भी कहीं कोई बहु अपने सास-ससूर को अपनी हिंसा के लिए निशाना बनाती है तो कहीं कोई बहू अपने ससुरालवालों की हिंसा का शिकार होती है.
देश में धर्म और समुदाय के नाम लोग एक दूसरे के साथ हिंसा कर रहे हैं. यह पाप भी तेज़ी से कलयुग में अपनी चरम सीमा पर पहुंच रहा है.
7 – झूठ का बोलबाला
कलयुग में झूठ लगभग सभी इंसानों का सबसे बड़ा हथियार बन गया है. उनके द्वारा बोला जानेवाला झूठ, किसी बात को छुपाने के लिए इंसान कई झूठ बोलने से भी नहीं चूकता.
यहां हर तरफ झूठ का ही बोलबाला है. एक ओर जहां नेता वोट के लिए जनता से झूठे वादे करते हैं तो वहीं अपने स्वार्थ के लिए इंसान अपनों से ही झूठ बोलकर उनके साथ छल करने को मजबूर है.
8 – बड़ों का अपमान
हमे बचपन से ही सिखाया जाता है कि हमे बड़ों का आदर और सम्मान करना चाहिए लेकिन ऐसे शायद ही देखने को मिलता हो.
यहां बच्चे अपने माता-पिता का अपमान करने से भी नहीं चूकते हैं. उनका सम्मान करना तो बहुत दूर की बात है.
ये थे कलयुग के पाप – ऐसे कई और कलयुग के पाप हैं, जो इस कलयुग में लगभग ज्यादातर इंसान करता है. इंसानों द्वारा किए जानेवाले ये कलयुग के पाप की गठरी लगातार भारी हो रही है, जिसे देखकर ऐसा लगता है जैसे कलयुग का अंत बेहद करीब है.