जगत जननी जगदंबा माता के कई अवतार हैं.
माता के सभी अवतार भारत के कोने-कोने में स्थित देवी मां के मंदिरों में देखे जा सकते हैं. इन मंदिरों की खासियत यह है कि यहां आनेवाले भक्तों की झोली माता खुशियों से भर देती हैं.
आज हम बात करेंगे देवी मां के एक ऐसे मंदिर की जो एक प्राचीन शक्तिपीठ है और इस मंदिर में विराजमान माता को आज भी अपने एक खास भक्त का इंतजार है.
कैला देवी मंदिर –
कैला देवी मंदिर से जुड़ी मान्यताएं
राजस्थान के करौली जिले में स्थित कैला देवी मंदिर प्राचीन शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. यह मंदिर पहाड़ियों की तलहटी में बना हुआ है.
यह कैला देवी मंदिर न सिर्फ पूरे राजस्थान में प्रसिद्ध है बल्कि देश के कई राज्यों से लोग इस मंदिर में माता की एक झलक पाने के लिए आते हैं.
कैला देवी मंदिर से एक ऐतिहासिक मान्यता जुड़ी हुई है. इसके अनुसार सन 1600 ई. में इस मंदिर का निर्माण राजा भोमपाल ने कराया था.
कहा जाता है कि इस मंदिर में जिस देवी की पूजा की जाती है वह कोई और नहीं बल्कि वही कन्या है जिसकी कंस हत्या करना चाहता था.
इस कन्या का नाम योगमाया था और इसी कन्या ने कंस को यह चेतावनी भी दी थी कि उसका अंत करने वाला इस धरती पर जन्म ले चुका है. आगे चलकर इसी कन्या की पूजा कैला देवी के रुप में की जाने लगी.
कैला देवी मंदिर से जुड़े हैं कई चमत्कार
मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर से कई चमत्कार भी जुड़े हुए हैं. एक कथा के मुताबिक पहले यह इलाका एक घना जंगल हुआ करता था. जिसमें नरकासुर नाम का एक भयानक राक्षस रहता था.
एक बार नरकासुर के आतंक से तंग आकर लोगों ने मां दुर्गा से मदद के लिए प्रार्थना की. अपने भक्तों की पुकार सुनकर मां स्वयं प्रकट हुईं और उन्होंने नरकासुर का वध करके उसके आतंक से लोगों को मुक्ति दिलाई.
माता की वह अद्भुत शक्ति आज भी प्रतिमा के रुप में विराजमान है. जिसके बाद से यहां आनेवाले भक्तों के सभी कार्य माता के प्रताप से सिद्ध होने लगे और धीरे-धीरे यह चमत्कारी शक्तिपीठ काफी मशहूर हो गया.
खास भक्त के इंतजार में हैं माता
आज भी माता के इस दरबार में लाखों की तादात में भक्त अपना शीश झुकाने के लिए आते हैं लेकिन माता को अपने उस भक्त की आज भी तलाश है जो बहुत ही समर्पित भाव से मां की सेवा किया करता था.
कहा जाता है कि माता का वह खास भक्त एक बार किसी जरूरी काम से बाहर चला गया. तब से लेकर अब तक वो भक्त वापस नहीं लौटा है.
लाखों की भीड़ में आज भी माता की नज़रे अपने उस खास भक्त को तलाशती हैं और आज भी उन्हें अपने खास भक्त के आने का इंतजार है.
गौरतलब है कि जिस तरह से भक्त अपने भगवान को हर जगह ढूंढता है ठीक उसी तरह से निस्वार्थ और समर्पित भाव से सेवा करने वाले भक्तों की तलाश भगवान को भी होती है. शायद इसलिए कैला देवी भी अपने उस खास भक्त के वापस आने का इंतजार कर रही हैं.