दोस्तो जिंदगी में कुछ पानी की खातिर कहते हैं कुछ खोना भी पड़ता है, लेकिन कभी-कभी इतना कुछ खो जाता है कि उसकी भरपाई दुनिया की कोई ताकत नहीं कर सकती.
लेकिन इन सारी तकलीफों को पार करते हुए भी कुछ करना हो तो उसके लिए कड़ी मेहनत और लगन की आवश्यकता होती है. तब जाकर मंजिल मिलना आसान हो पाता है.
कहा जाता है कि – जहां चाह होती है, वहीं राह भी होती है. वाकई आपके अंदर अगर कुछ करने का जज्बा और जुनून है तो, रास्ते आपके लिए खुद-ब-खुद बनते चले जाते हैं.
इस बात को सच साबित किया है ज्योति चाहर नाम की एक लड़की ने जिसने बुरे वक्त में भी अपनी हिम्मत कभी नहीं हारी और अपने पैशन को हीं प्रोफेशन बना लिया.
90 के दशक में हरियाणा के एक छोटे से गांव से ज्योति चाहर का परिवार आकर दिल्ली बस गया.
उन दिनों लड़कियों की शादी काफी कम उम्र में कर दी जाती थी, ज्योति अपने चार भाई बहनों में सबसे बड़ी थी. इसलिए ज्योति के ऊपर अपने परिवार की जिम्मेदारी ज्यादा थी. क्योंकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. इसलिए ज्योति नौकरी करना चाहती थी .लेकिन नौकरी मिलनी इतनी आसान बात कहां थी. इसलिए ज्योति चाहर के रिश्तेदार और पड़ोसियों का दबाव था कि उसकी शादी करा दी जाए. लेकिन ज्योति चाहर के घर वालों ने उसे आगे पढ़ाने का निर्णय लिया.
ग्रेजुएशन करने के बाद ज्योति चाहर ने बिना पैसों के 6 – 7 महीने काम किया.
आखिरकार नौकरी मिली. जिससे किसी तरह उनका घर चलता था. ज्योति काफी बुरे हालातों से गुजर रही थी, कि किस्मत ने उन्हें एक और बड़ा झटका दे दिया. ये ऐसा झटका था जिससे संभलना किसी के लिए भी आसान नहीं था. क्योंकि ज्योति के पिता के साथ एक बड़ी दुर्घटना हो गई, जिसके कारण उनकी यादास्त चली गई. जितनी भी बची-खुची जमा पूंजी थी, पिता के इलाज पर खर्च हो गई. लेकिन फिर भी घरवालों ने उम्मीद का दामन छोरा नहीं. परेशानियां ज्योति के साथ इस कदर चल रही थी, कि कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी. फिर अचानक एक दिन उनके पिता घर – बार छोड़कर ना जाने कहां चले गए, और फिर वापस नहीं लौटे.
ज्योति चाहर का वक्त इतना खराब चल रहा था कि, पिता ने तो साथ छोड़ हीं दिया था. आर्थिक तंगी भी बदतर हो चली थी. परिवार का कोई सहयोग नहीं मिल पा रहा था. बावजूद इसके ज्योति ने खुद पर विश्वास बनाए रखा. और ऐसे बुरे दिनों में उन्हें लंबे संघर्ष के बाद एक अच्छी कंपनी मैं नौकरी मिल गई. नौकरी करने के साथ ज्योति अपना वेबसाइट भी चला रही थी.
दिन में जर्नलिस्ट बनकर खबरें लिखने के साथ रात को अपने लिए ब्लॉगिंग करना ज्योति चाहर की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका था.
नौकरी से मिलने वाले पैसों से ज्योति का घर जैसे – तैसे चल ही रहा था, कि किस्मत ने फिर से करवट ली और ज्योति की नौकरी क्रॉस्ट कटिंग के चलते छूट गई. अब ज्योति के पास ब्लॉकिंग के सिवा कोई और काम नहीं था. इसलिए उसने अपने ब्लॉगिंग को बेहतर बनाने के लिए दिन रात एक कर दिया. बता दें कि उनके ब्लॉग का नाम www.themoi.in है.
यहां वो बॉलीवुड और एंटरटेनमेंट के बारे में लिखने का काम करती है. इस ब्लॉग से ज्योति की कमाई अच्छी खासी हो जाती है. जिससे वह अपने परिवार को सपोर्ट कर रही है. लोग उनके ब्लॉग को काफी पसंद कर रहे हैं.
ज्योति के कुछ ब्लॉगर दोस्तों ने UC न्यूज़ के बारे में जानकारी दी. इसके बाद ज्योति भी UC न्यूज़ के लिए लिखने लगी. यहां उनकी स्टोरी को काफी पसंद किया जाने लगा. और इससे उन्होंने पैसे कमाने शुरू कर दिए. ज्योति की कामयाबी से चेतन भगत बेहद प्रभावित हुए. और उन्होंने ज्योति को facebook पर हार्दिक बधाई दी. इसके बाद चेतन भगत के उस पोस्ट को बॉलीवुड एक्टर अमित साध, सोनू सूद, रणविजय सिंह और जिम्मी शेरगिल यहां तक की क्रिकेटर युवराज सिंह ने भी शेयर किया.
आज ज्योति एक अच्छी ब्लॉगर और राइटर हैं. जिस कारण वो अच्छी – खासी कमाई कर अपना और अपने परिवार की देखभाल कर रही है. इतना सब होने के साथ ज्योति को भरोसा है कि एक दिन उसके पापा लौट कर जरूर आएंगे. जिनका ज्योति को और उनके परिवार को बेसब्री से इंतजार है.