इस मंदिर की ज्वाला चमत्कारिक मानी जाती है. अकबर के बाद अंग्रजों ने भी इस ज्वाला के स्त्रोत का पता लगाकर उससे ऊर्जा रूप में उपयोग लाने की कोशिश की थी. लेकिन उन्हें ज्वाला का ऊर्जा स्त्रोत कहीं नहीं मिला.
हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु ज्वालामुखी देवी के दर्शन हेतु आते है.