बाप-बेटी – पढ़ोगे-लिखोगे तो बनोगे नवाब…
ये लाइन बचपन में हर बच्चे को अपने मां-बाप से सुनने को मिलते हैं। ये लाइन्स मां-बाप अपने बच्चे के भले के लिए ही बोलते हैं जिससे की बच्चों का जीवन सुधर जाए। बहुत कम बच्चे ही इन लाइन्स को अपने जीवन का मार्ग बना पाते हैं। लेकिन जो बच्चे इस लाइन पर चल लेते हैं उन्हें पूरी दुनिया सलाम करती है, यहां तक की उसके मां-बाप भी।
अब जैसे कि इस सीनियर पुलिस वाली को जुनियर पुलिस वाला सलाम कर रहा है। रिश्ते में ये सीनियर पुलिस वाली जुनियर पुलिस वाले की बेटी है।
बाप-बेटी की जोड़ी –
बाप-बेटी एक ही ड्यूटी में
तेलंगाना में एक मामला सामने आया है। यहां एक बेटी ने अपने पिता का नाम रौशन किया है। अब पिता अपने बेटी को सैल्यूट मारता है और वह भी पूरे गर्व से।
पूरे पुलिस फोर्स को इस बेटी पर गर्व
पिछले तीन दशकों से पिता तेलंगाना ( जो पहले आंध्र प्रदेश था) पुलिस में कार्यरत है। वहीं उनकी बेटी ने भी 4 साल पहले पुलिस फ़ोर्स ज्वाइन की थी। लेकिन बाप-बेटी की इस जोड़ी ने कभी भी नहीं सोचा होगा कि उनकी ज़िन्दगी में कभी ये दिन भी आएगा। लेकिन आज वे अपनी बेटी को सलाम करते हैं और पूरी पुलिस फोर्स इस पल पर गौरवान्वित होती है।
30 साल से पुलिस में कार्यरत
indianexpress के अनुसार, हैदराबाद के राशाकोंडा कमिश्नरी के मलकानगिरी के पुलिस उपायुक्त एआर उमामहेश्वर सरमा पिछले 30 सालों से पुलिस विभाग में कार्यरत हैं और 2019 में वो रिटायर होने वाले हैं। कुल मिलाकर वे इस फोर्स में तीन दशकों से कार्यरत हैं। जबकि इनकी बेटी चार साल पहले ही पुलिस फोर्स में शामिल हुई हैं।
उमा महेश्वर सरमा की बेटी सिंधू सरमा 2014 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं और जगतियाल जिला की पुलिस अधीक्षक हैं।
पिता ने किया बेटी को सलाम
वैसे तो वे एक ही पुलिस फोर्स में कार्यरत हैं लेकिन जल्दी उनका आमना-सामना नहीं होता है। किंतु एक दिन वह मौक़ा भी आया जब ए.आर. उमा महेश्वर सरमा ने अपनी बेटी जो कि ओहदे में उनकी सीनियर हैं को सलामी दी।
थी पब्लिक मीटिंग
बाप-बेटी की ज़िन्दगी में ये लम्हा तब आया जब बीते रविवार वो दोनों हैदराबाद के पास कोंगरा कलां में तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) की एक पब्लिक मीटिंग के दौरान आमने-सामने आये। दोनों एक मीटिंग में शामिल हुए थे और जब इस मीटिंग में IPS के तौर पर उनकी बेटी आई तो सभी पुलिस वालों के साथ उमामहेश्वर सरमा ने भी अपनी बेटी को सलामी दी। इस पल में वहां मौजूद हर शख़्स के चेहरों पर मुस्कान आ गई और ख़ुद उनके चेहरे पर भी गर्व के साथ हल्की सी मुस्कान दौड़ गई।
उमा महेश्वर ने कहा, ‘यह पहली बार था जब हम दोनों ड्यूटी के दौरान पहली बार आमने-सामने आए हों। मैं सौभाग्यशाली हूं, जो उनेक साथ काम करने का मौका मिला। वह मेरी सीनियर ऑफ़सर हैं। मैं जब उन्हें देखता हूं तब मैं सलाम करता हूं। हम ड्यूटी में अपना-अपना काम करते हैं और घर पर इस बारे में चर्चा नहीं करते हैं।’ वहीं जनसभा में महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहीं सिंधू ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं, ये एक अच्छा अवसर है कि हमें साथ काम करने का मौक़ा मिला।’