ENG | HINDI

लॉ की पढ़ाई करते-करते जज का बेटा बन गया शूटर

शूटर

जज का बेटा बन गया शूटर, असल में यह कहानी हरियाणा के अभिषेक वर्मा की है, जो कि अपने पिता की ही तरह एक वकील बनना चाहता था लेकिन किस्मत को उससे कुछ और ही मंजूर था.

अभिषेक हरियाणा के रहना वाले हैं, जिनकी उम्र 29 वर्ष है, इनके पिता पलवल कोर्ट में सेशन जज हैं. अभिषेक एक शूटर लॉ की पढाई करते-करते बने हैं. अभिषेक के पिता बताते हैं की उनके बेटा का शूटिंग में शौक साल 2015 में शुरु हुआ जब उनका ट्रांसफर हिसार में हुआ था. इसी दौरान अभिषेक जिम जाया करते थे जहा उन्हें पता चला की पास ही में एक शूटिंग रेंज है और वह वहाँ अपने साथियों के साथ पहुंच गए. वहाँ जाकर उन्होंने शूटिंग रेंज में राइफल उठाई.

आपको बता दे की इससे पहले अभिषेक ने आज तक कभी शूटिंग नहीं की थी लेकिन इसके बावजूद उन्होंने उसी समय इस खेल को अपना करियर बना लिया. और वही से भारत के एक विश्व चैम्पियन शूटर की शुरुआत हुई.

अभिषेक हाल ही में हुए जकर्ता में 18वे एशियनगेम्स में ब्रोंजमेडल जीत कर लाय हैं.

शूटर

शूटर और वकील दोनों है अभिषेक

दोस्तों आपको बता दे की अभिषेक ने शूटिंग सीखने के साथ-साथ लॉ की पढाई भी पूरी की. अशोक वर्मा ने बताया की उनके बेटे ने पहले बीटेक की और उसके बाद उसने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढाई शुरू कर दी. एलएलबी के साथ ही अभिषेक भोंडसी शूटिंग रेंज में शूटिंग की प्रैकटिस भी करने लगे. यहाँ अभिषेक को उनके टीचरओमेंद्र सिंह ने स्पेशल ट्रेनिंग दे बेहद कडीप्रैक्टिस करवाई, जिसके अभिषेक ने अपने दम पर ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी को शूटिंग में रिप्रेजेंट किया, पिछले ही साल अभिषेक केरल में हुए नेशनल गेम्स में सिल्वरमेडल तक हासिल किया था.

ऐसे बने भारत के सबसे काबिल शूटर

अभिषेक ने पैसो की परवाह ना करते हुए खुद के खर्च पर उन्होंने विदेश जाकर प्रशिक्षण लिया. एशियाड के लिए भारतीय टीम के चयन क्वालिफिकेशन में 585 स्कोर किया, इसके अलावा जून में हुए सलेक्शनट्रायल्स के दौरान जीतू राय और अमनप्रीत सिंह को पछाडते हुए गोल्ड मैडल हासिल किया. इसके बाद अपने आप को इस खेल में और भी बेहतर करने के लिए अभिषेक खुद के पैसो से जर्मनी गए और उन्होंने वहाँ जाकर खुद के प्रदर्शन में सुधार किया. अभिषेक की माँ कुसुम वर्मा एक हाउस वाईफ हैं और उनका एक छोटा बेटा भी जो की सरकारी अधिकारी है.

पिता का रहा पूरा साथ

अशोक शर्मा का कहना है की पढ़ाई हो या खेल आपको हमेशा प्रोत्साहित रहना चाहिए, उन्होंने अभिषेक को ना तो कभी पढ़ाई के लिए कुछ कहा और ना ही शूटिंग के लिए क्योंकि वह दोनों में ही पहले से ही अव्वल रहे हैं. पढ़ाई के साथ-साथ शूटिंग करियर का चयन करने में अभिषेक का साथ उनके पूरे परिवार ने दिया और सभी ने मिल के ये फैसला किया की उसे शूटिंग में जरूर जाना चाहिए.

बता दे की इसके बाद अभिषेक को शूटिंग रेंज में काफी समय आई क्योंकि हरियाणा में आज भी काफी कम शूटिंग रेंज मौजूद है जिसके कारण उन्हें दूर-दूर जाकर प्रैकटिक्स करनी पड़ी.

Article Categories:
खेल