जज शिवापल सिंह – जब भी हमारा किसी से झगड़ा होता है । या फिर कोई विवाद होता है । तो हम कहते हैं कोर्ट में देख लूंगा ।
ऐसा इसलिए क्योंकि हमें पता है कोई हमारे साथ इंसाफ करें या न करें लेकिन कोर्ट जरुर इंसाफ करेगा । जमीनी विवाद हो , मर्डर केस हो , घूरेलू हिंसा या कोई दूसरा अपराध , हम हर किसी मुद्दे पर न्याय मांगने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हैं । जहां सभी दलीले सुने के बाद हमारे न्याय का फैसला जज करता हैं ।
सोचिए अगर कोर्ट या जज नहीं होते । तो हम कहां न्याय मांगने जाते है और किसे न्याय की उम्मीद करते । क्योंकि कोर्ट एक ही ऐसी जगह जहां मंत्री से लेकर आम आदमी तक सभी को एक ही पैमाने में तोला जाता हैं ।
लेकिन कोर्ट से निकलने के बाद एक जज भी आम इंसान ही होता है । जिसकी खुद की जरुरतें, खुद की ख्वाहिशें और खुद की कुछ परेशानियां होती है । वो अपने लिए न्याय की उम्मीद करता हैं । अब रांची सीबीआई विशेष कोर्ट के जज शिवपाल सिंह को ही देख लीजिए । जो इतने सालों से मुजरिमों को सजा दिलाकर लोगों को न्याय दिलाते आए । वहीं आज कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पर मजबूर हैं लेकिन कोओई उनकी गुहार सुने को तैयार ही नहीं हैं . अब जब जज को ही न्याय नहीं मिल रहा तो कोई आम इंसान कैसे कोर्ट से अपने हक और न्याय की उम्मीद कर पाएगा ।
रांची सीबीआई कोर्ट के जज शिवापल सिंह वहीं है जिन्होने आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को चारा घोटले मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी । शिवपाल सिंह अब तक कई बड़े नेता , बिजेनसमैन को घोटलों के मामले में और कई बड़े अपराधियों को सजा सुना चुके हैं । लेकिन देश के लिए इतना कुछ करने के बावजूद भी शिवपाल सिहं आजकल अपनी पुस्तैनी जमीने की वजह से कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं । दरअसल शिवपाल सिंह मूल रुप से उत्तर प्रदेश के जौलन गांव के रहने वाले हैं । जहां शिवपाल सिंह के परिवार की थोड़ी सी पुस्तैनी जमीन हैं ।जिस पर गैर कानूनी ढंग से निर्माण कर दिया गया हैं ।
जज शिवापल सिंह की जमीन पर अबैध तरीके से चौराहे का निर्माण किया गया हैं । जिसके लिए जज शिवापल सिंह को रोजाना कोर्ट और पुलिस के चक्कर काटने पड़ रहे हैं । लेकिन कोई उनकी परेशानी पर ध्यान देने को भी तैयार नहीं हैं. शिवपाल सिंह इसकी शिकायत गांव के पंचायत को भी कर चुके हैं । जिस पर पंचायत का कहना है कि मामले के सामने आने के बाद उन्होने मामला जांच के लिए भेज दिया है ।
लेकिन हैरानी की बात ये है कि किसी की जमीन पर अवैध तरीके से चौराहा बना दिया गया लेकिन पंचायत या प्रशासन को खबर तक नहीं लगी । चौराहा बनाने से पहले कोई जांच क्यों नहीं की गई । जज शिवापल सिंह इस मामले में काफई लंबे वक्त से खुद के लिए न्याय का इंतजार कर रहे है । लेकिन अभी तक आशा की किरण भी नजर नहीं आई हैं ।
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