आजकल जॉब मार्केट में कॉम्पटीशिन इतना बढ़ गया है कि लोगों को आसानी से नौकरी नहीं मिल पाती है। ग्रेजुएशन या कोर्स करने के बाद भी उन्हें नौकरी के लिए चक्कर लगाने पड़ते हैं।
मोदी सरकार ने युवाओं को बेराज़गारी से बचाने के लिए स्किल इंडिया का नारा लगाया था और अब अपने इसी नारे को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने युवाओं की नौकरी के लिए एक नया कदम उठाया है।
हाल ही में एक नए सर्वे में ये बात सामने आई है कि जापान में ग्रेजुएशन करने के बाद 25 हज़ार डॉलर की सालाना सैलरी मिल रही है। भारतीय करेंसी में ये 16 लाख रुपए होते हैं। भारत में इतनी ज्यादा सालाना इनकम बहुत होती है। केईदानरेन बिजनेस लॉबी ग्रुप की रिसर्च के मुताबिक जापान में ग्रेजुएश्न करके निकलते ही करीब 2.13 लाख येन या 1885 डॉलर प्रतिमाह की सैलरी मिलती है। भारतीय करेंसी में कंवर्ट करने पर ये 1.22 लाख रुपए है।
रिपोर्ट के अनुसार जापान के हिसाब से ये सैलरी बहुत कम है। इस वजह से वहां की कंपनियां अपने कर्मचारियों को 1.10 लाख येन या 63 हज़ार रुपए प्रतिमाह का अतिरिक्त भत्ता देती हैं। इस भत्ते में ट्रांस्पोर्ट अलाउंस और सब्सिडी आदि शामिल होता है।
इस सबके बीच खास बात ये है कि जापान अब भारतीयों को नौकरी देने के बारे में सोच रहा है। मोदी सरकार ने ऑन जॉब ट्रेनिंग के लिए 3 लाख युवाओं को जापान भेजने का फैसला किया है।
मोदी सरकार की कौशल विकास योजना के तहत युवाओं को 3 से 5 साल के लिए जापान भेजा जाएगा। जापान जाकर भारतीय युवा वहां की इंडस्ट्रीज़ में काम करेंगें और उनकी टेक्नोलॉजी को सीखेंगें। इस काम की पूरी तैयारियां हो चुकी हैं और सबसे जरूरी बात है कि इस योजना का पूरा खर्च जापान की सरकार उठा रही है।
इस खबर को सुनने के बाद तो आपको यकीन हो ही गया होगा कि मोदी सरकार अपने देश के युवाओं के सुनहरे भविष्य के लिए कितना कुछ करने का प्रयास कर रही है।
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