अमूमन सारी यूनिवर्सिटीज़ में दीक्षांत समारोह हर साल होते हैं केवल एक यूनिवर्सिटी को छोड़कर…
हाल ही में घोषण हुई है कि देश की सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में 46 सालों बाद दीक्षांत समारोह होने वाला है और ये यूनिवर्सिटी का दूसरा दीक्षांत समारोह है। इससे पहले यूनिवर्सिटी का पहला दीक्षांत समारोह 1972 में हुआ था।
ऐक्टर बलराज साहनी थे गेस्ट
इस दीक्षांत समारोह के गेस्ट ऐक्टर बलराज साहनी थे। उस समय उनका दिया हुआ भाषण काफी चर्चा का विषय बना हुआ था। बलराज साहनी ने कहा था कि ‘मुझे इस प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में आमंत्रित किया गया ये मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है। मुझे यहां झाड़ू भी मारने बुलाया जाता तो मैं आ जाता। जिसके नाम पर ये यूनिवर्सिटी है उनका व्यक्तित्व मुझे काफी प्रभावित करता है।’
बलराज साहनी के ये वाक्य आज भी जेएनयू को समझने के लिए कई बार दोहरा दिए जाते हैं। वैसे तो बलराज साहनी हिंदी फिल्मों और थिएटर के मशहूर और संजीदा अभिनेता थे। लेकिन वे फिल्म जगत के सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे शख्स भी माने जाते थे। वे एक्टर होने से पहले विश्वभारती विश्वविद्यालय, शांतिनिकेतन के प्रोफेसर भी रह चुके थे और उन्होंने बीबीसी में पत्रकार के तौर पर काम भी किया था।
तो ऐसे थे जेएनयू के पहले दीक्षांत समारोह के पहले गेस्ट।
इस बार का दीक्षांत समारोह
इस बार के दीक्षांत समारोह में किन्हें आमंत्रित किया जाएगा अभी तक ये किसी को नहीं मालूम। दूसरी ओर आक्रामक छात्र राजनीति के लिए जाने जानेवाले इस विश्वविद्यालय के वामपंथी छात्र ने पहले ही बता दिया है कि अगर गेस्ट भाजपा या आरएसएस से जुड़ा पाया गया तो कार्यक्रम का विरोध होना तय है। इसलिए इस साल का दीक्षांत समारोह काफी जरूरी होने वाला है और इनपर कई लोगों की नजरें रहने वाली हैं।
क्यों पहला दीक्षांत समारोह बन गया था आखिरी
जेएनयू में 46 साल पहले दीक्षांत समारोह हुआ था जिसके बाद अब तक कोई दीक्षांत समारोह नहीं हुआ है। ऐसा उस समय के छात्रसंघ अध्यक्ष वीसी कोशी के कथित ‘भड़काऊ भाषण’ के चलते हुआ था। उस दीक्षांत समारोह में दिया गया उनका भाषण काफी चर्चा का विषय बन गया था। उन्होंने अपने भाषण में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार की जमकर आलोचना की और उसे ‘बुर्जआ’ मानसिकता से ग्रस्त करार दे दिया।
उस समय छात्र नेता के इस भाषण को कई अकबारों ने जमकर उठाया था जिसके कारण तब सरकार ने इस यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया था। अब साढ़े चार दशक बाद यह अनिश्चितकालिन स्थगर खत्म होने जा रहा है।
कौन देगा भाषण
जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार ने समारोह को सफल बनाने के लिए यूनिवर्सिटी के रेक्टर-2 प्रोफेसर एससी गारकोटी की अध्यक्षता में 19 सदस्यीय समिति गठित की है। होने वाली इस दीक्षांत समारोह का सबसे बड़ा सवाल है कि इस समारोह में भाषण कौन देगा? गरकोटी ने कहा, ‘आमतौर यूनिवर्सिटी के अतिथि भाषण देते हैं। हमारे अतिथि भारत के राष्ट्रपति होंगे। अगर वह उपलब्ध नहीं होंगे तब किसी अन्य वरिष्ठ शख्सियत के बारे में सोचा जाएगा।’
मार्च या फरवरी में हो सकता है समारोह
इस समारोह के होने की संभावना फरवरी या मार्च में है। यूनिवर्सिटी ने अधिसूचना जारी कर कहा है कि जिन स्टूडेंट्स 2017 की एक जनवरी से 31 दिसंबर के बीच अपनी पीएचडी पूरी की है, वे जेएनयू की वेबसाइट पर जाकर कार्यक्रम के लिए अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
तो अब ये समारोह होगा ही। गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी एक तरह से विपक्ष की भूमिका निभाती रही है। ऐसे में देखना है कि जब सरकार दूसरा दीक्षांत समारोह साढ़े सार दशक बाद करने का फैसला किया है तो इस यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स कैसा रुख लेंगे। क्योंकि भाजपा से जुड़े गेस्ट होने पर काफी हल्ला मच सकता है। अब देखना है कि इस यूनिवर्सिटी में कौन गेस्ट होगा और ये समारोह कैसा होने वाला है। तब तक के लिए हर किसी को इंतजार रहेगा।
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