शिवलिंग को तोड़ना चाहता था महमूद गजनवी
गांव के लोगों के मुताबिक महमूद गजनवी ने इस शिवलिंग को तोड़ने की काफी कोशिश की थी, लेकिन वो अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सका था. जब उससे शिवलिंग नहीं टूट सका, तो उसने इस पर ऊर्दू में ‘लाइलाहाइल्लललाह मोहम्मदमदुर्र् रसूलुल्लाह’ लिखवा दिया. ताकि हिंदू इस शिवलिंग की पूजा न कर सकें.
लेकिन महमूद गजनवी की इस सोच को यहां के हिंदू मुस्लिम ने गलत साबित कर दिया. इसका नतीजा यह हुआ कि शिवलिंग की अहमियत दोनों हिंदू मुस्लिम के लिए पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई.