झारखंडी शिव – आज भले ही हिंदू-मुस्लिम एक-दूसरे के खून के प्यासे बन चुके हों लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब इन दोनों ही धर्म के लोग एक-दूसरे का सम्मान करते थे और ईश्वर के आगे अपना सिर झुकाया करते थे। प्राचीन समय में धर्म के लिए नहीं बल्कि सत्ता और शक्ति के लिए युद्ध हुआ करते थे और आज धर्म के नाम पर ही लाखों-करोड़ों लोगों का खून बहा दिया जाता है।
आज अगर कोई मुसलमान शिव मंदिर के आगे अपना सिर झुकाए तो आपको भरोसा नहीं होगा लेकिन इतिहास में एक शिव मंदिर ऐसा भी है जहां पर मुसलमान भगवान शिव को अपना आराध्य मानकर शीश झुकाते हैं।
गजनवी ने भी मानी थी हार
यूपी के गोरखपुर से 25 किमी दूर भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर स्थित है जिसकी महिमा से महमूद गजनवी भी अछूता नहीं रहा था। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर एक पाक वाक्य लिखा हुआ है। किवंदती है कि गजनवी ने इस पवित्र शिवलिंग को तोड़ने का बहुत प्रयास किया लेकिन वो असफल रहा। इसके बाद उसने इस शिवलिंग पर उर्दू में लिखवाया – लाइलाहाइल्लललाह मोहम्मदमुदर्र रसूलअल्लाह। गजनवी ने ऐसा इसलिए किया ताकि कोई हिंदू इस शिवलिंग की पूजा ना करे लेकिन सावन के महीने में हजारों श्रद्धालु इस शिवलिंग की पूजा करते थे।
1000 साल पुराना है शिव मंदिर
गोरखपुर से 25 किमी दूर खजनी कस्बे में सरया तिवारी नामक एक गांव में ये शिव मंदिर स्थित है। इसे झारखंडी शिव भी कहा जाता है। कहा जाता है कि ये शिवलिंग हजार साल से भी ज्यादा प्राचीन है। यह शिवलिंग स्वयंभू माना जाता है। शिव के इस दरबार में आने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
मुस्लिम भी करते हैं पूजा
इस शिवलिंग की पूजा ना सिर्फ हिंदू करते हैं बल्कि मुसलमान भी यहां आकर अपना सिर झुकाते हैं। जब गजनवी ने भारत पर आक्रमण किया था तो उसने देश के सभी मंदिरों को लूटकर उन्हें हानि पहुंचाई थी। इस गांव में स्थित शिवलिंग को भी वो उखाड़ फेंकना चाहता था। इस कार्य में असफल होने पर गजनवी ने शिवलिंग पर ये कलमा खुदवा दिया ताकि कोई हिंदू इसकी पूजा ला करे।
अद्भुत है महादेव की महिमा
इस मंदिर में शिवलिंग खुले आसमान के नीचे है और कई प्रयासों के बाद भी इसके ऊपर छत का निर्माण नहीं हो सका। माना जाता है कि इस मंदिर के बगल में पोखरे के पानी से नहाने से कुष्ठ रोगों से मुक्ति मिलती है। चर्म रोगों से मुक्ति पाने के लिए यहां पर पांच मंगलवार और रविवार स्नान करना होता है।
भगवान शिव की महिमा ना केवल हिंदू धर्म में मानी जाती है बल्कि पूरी दुनिया में उनके अपार भक्त हैं। मुस्लिम धर्म की महिलाओं ने तीन तलाक से जुड़े कानून में बदलाव के बाद स्वयं शिवलिंग का दूध से अभिषेक किया था और इस कानून में बदलाव के लिए भगवान शिव को धन्यवाद दिया।
ये है झारखंडी शिव – अब आप इन दोनों घटनाओं से ही जान सकते हैं कि भगवान शिव की महिमा कितनी अपरम्पार है और उनके आगे हर किसी को अपना सिर झुकाना ही पड़ता है।
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