जेठमलानी केजरीवाल का केस फ्री में लड़ने को तैयार – वित्त मंत्री अरुण जेटली और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच जारी जंग में वकील राम जेठमलानी भी कूद पड़े हैं.
अरुण जेटली के केजरीवाल पर मानहानि केस में वकील राम जेठमलानी उनके पक्ष में खुलकर उतर आए हैं. और उन्होंने यहां तक कह दिया है कि अगर दिल्ली सरकार मुझे फीस नहीं देती या केजरीवाल मुझे फीस देने में असमर्थ हैं तो मैं उनके लिए फ्री में केस लडूंगा.
आखिर क्या कारण है कि जेठमलानी केजरीवाल का केस फ्री में लड़ने को तैयार हो गए है.
दरअसल, इसके पीछे राम जेठमलानी की अरूण जेटली से पुरानी अदावत है. दोनों ही वकील है और एक समय दोनों ही भाजपा में थे. लेकिन कुछ समय पहले जेठमलानी ने खुद को भाजपा से अलग कर लिया है.
बताया जाता है कि इसके पीछेे एक बड़ा कारण अरूण जेटली ही है.
सियासत में जेटली से मिली शिकस्त का बदला लेने के लिए जेठमलानी बहुत दिनों से मौके की तलाश में थे. यह मौका उन्हें केजरीवाल और जेटली के केस में मिल गया. इसलिए वे इस हाथ आए मौके को किसी भी रूप में गवांना नहीं चाहते हैं.
उनकी दिल्ली तमन्ना है कि वो जेटली को कठघरे में खड़ाकर उनसे सवाल जवाब करे. ये बात जेटली भी जानते हैं कि उनके लिए राम जेठमलानी के सवालों का जवाब देना आसान नहीं होगा.
साथ ही जेठमलानी केस को इतना लंबा और पेचीदा बना देंगे जिससे जेटली को पार पाना आसान नहीं होगा.
यही कारण है कि जेठमलानी कह रहे हैं कि जेटली उनके क्रॉस इक्जेमिनेशन से डर रहें हैं और जानबूझ कर पिछले दरवाजे से पैसे के मामले को हवा दिलवा रहे हैं. लेकिन कुछ भी हो जाए जेठमलानी अरूण जेटली को छोड़ने को तैयार नहीं हैं.
जेठमलानी ने कह दिया है कि अगर दिल्ली सरकार मुझे फीस नहीं देती या केजरीवाल मुझे फीस देने में असमर्थ हैं तो मैं उनके लिए फ्री में केस लडूंगा.
जेठमलानी ने कहा है कि वे सिर्फ अमीरों से पैसे लेते हैं, गरीबों का केस फ्री में लड़ते हैं और वे केजरीवाल को अपने गरीब क्लाइंट की तरह मानकर उनका केस भी मुफ्त में लड़ेंगे.
आपको बताते चलें कि न तो अरविंद केजरीवाल गरीब है और न ही जेठमलानी केजरीवाल पर मानहानि का केस फ्री में लड़ रहे थे. दरअसल, जब से भाजपा ने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल जनता के टैक्स के पैसे से मशहूर वकील राम जेठमलानी की फीस भर रहे हैं, तब से एकाएक परिस्थितियां बदल गई हैं.
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल को केजरीवाल के मुकदमे की फीस का बिल भेजा था जिसे उन्होंने ठुकरा दिया. इसके बाद इसको लेकर भाजपा ने हंगामा शुरू कर दिया और कहा कि केजरीवाल अपने व्यक्तिगत खर्च को दिल्ली सरकार के खाते में डाल रहे हैं.
जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो जेठमलानी ने भी कह दिया कुछ भी हो जाए वो भी जेटली को छोड़ने वाले नहीं हैं. उनको कठघरे में खड़ाकर सवाल जवाब करने के लिए वो अपनी करोड़ों की फीस की भी परवाह नहीं करेगें. इसलिए जेठमलानी केजरीवाल का केस फ्री में लड़ने को तैयार हो गए.