10 – जापान में केवल पांच मुस्लिम राष्ट्रों को दूतावास खोलने के आदेश दिए गए हैं. वहां काम करने वाले कर्मचारियों के लिए जापानी में बोलना और जापानी भाषा में ही व्यवहार करना आवश्यक है.
दरअसल, जापान ने जब से बौद्ध धर्म को अपनाया है, तभी से जापानियों में इस्लाम या अन्य धर्म के प्रति कोई रुचि नहीं हैं. जिन दिनों बहुत सख्ती नहीं थी तब भी जापान में इस्लामी या इसाई मिशनरियों का कोई बहुत अधिक आवागमन नहीं था.
जापान और इस्लाम – जापान अपने राष्ट्रीय हित तक सीमित रहता है, वहां की जनता और सरकार केवल अपने राष्ट्र की प्रगति और भलाई के बारे में ही सोचती रहती है.