जाना ने बताया की उन का ये अनुभव काफ़ी दिलचस्प रहा, ना सिर्फ़ इसलिए की उन्हें नये लोग मिले, बल्कि इसलिए भी की उन्हें कई परिवारों के रहन सहन, उन के शयनकक्ष, उन की दीवारों, उन के बच्चों के खिलौनों, उन के मोबाइल फ़ोन और उन की किस्म-किस्म की बिस्तर की चादरों से भी मिलने का मौका मिला|
उन के अनुसार “वेटिंग” सोवियत रूस की एक अनोखी कहानी है जो गुज़र चुके और आने वाले कल को एक साथ मिलाती है|
अब ये पागलपन है या क्या हम नहीं जानते, लेकिन इतना ज़रूर कहेंगे कि दुनिया अजब-गजब बातों और हरक़तों से भरी पड़ी है|