हर रिश्ते के कुछ नियम, कुछ क़ायदे-क़ानून होते हैं और हमेशा से बताया जाता है कि अगर हम इन्हें मानेंगे तो ही हमारा रिश्ता, हमारी रिलेशनशिप अच्छे से चलेगी!
बहुत से लोग इन पर सवाल नहीं करते और बस आँखें बंद कर के इन्हें ज़िन्दगी में लागू कर लेते हैं! बस, यहीं ग़लती हो जाती है!
ये हैं वो 5 रूल्स जिन्हें तोड़ना बहुत ज़रूरी है ताक़ि रिश्ते मज़बूत हों और ज़िन्दगी आराम से बीते:
1) सोने से पहले लड़ाई ख़त्म करो!
कहा जाता है कि अगर आपकी आपके पार्टनर के साथ लड़ाई हुई है तो उसे सुलझा के ही सोना चाहिए, रात भर उसकी आग धधकने मत दो! लेकिन ऐसा ज़रूरी नहीं है! कई बार हम बात सुलझाने कि बजाये उसे और भी ज़्यादा उलझा देते हैं और ज़बान से ऐसा कुछ कहा जाता है जो बात को और बिगाड़ देता है! बेहतर है रात को सो जाइए और सुबह शांत दिमाग़ से हालात को संभालिये!
2) आपका पार्टनर ही आपका सबसे अच्छा दोस्त होता है!
ये भी एकदम ग़लत है क्योंकि कई बार हमारे सबसे अच्छे दोस्त हमारे बचपन के दोस्त होते हैं! पति या पत्नी के आने के बाद हम ज़बरदस्ती उन्हें ही अपना दोस्त बनाएँ और बाक़ियों को छोड़ दें, ये समझदारी नहीं है! क्योंकि जहाँ दोस्तों की केमिस्ट्री बचपन से बनी होती है, वैसा ही रिश्ता पार्टनर के साथ कुछ दिनों में बनाना मुमकिन नहीं है! और हमें हमारी अलग-अलग इमोशनल ज़रूरतों के लिए अलग-अलग लोग चाहिए होते हैं, सिर्फ़ पार्टनर से हर चीज़ की अपेक्षा करना ग़लत है!
3) हमेशा ईमानदार रहिये
ज़रूरी है ज़्यादातर ईमानदारी ही बरतना लेकिन हमेशा ही सच बोलना ना तो मुमकिन है और ना ही सबके हित में है! कारण सिर्फ़ यही है कि हर किसी की ज़िन्दगी में कुछ राज़ होते हैं जो राज़ ही रहने चाहियें ताक़ि वो जाने-अनजाने आपके पार्टनर को चोट ना पहुँचायें! कई बार आपकी बीती हुई ज़िन्दगी के कुछ लम्हे आपके “आज” को दुःख पहुँचा सकते हैं! उन्हें इतिहास में ही रहने देना चाहिए, जो बीत गया सो बीत गया!
4) रिलेशनशिप में सब 50-50 होता है!
यक़ीन मानिए, ऐसा बिलकुल किसी भी रिश्ते में नहीं होता! सोच के देखिये, हो सकता है आप सोच रहे हैं कि आपने अपना 50% दे दिया लेकिन आपके पार्टनर ने सिर्फ़ 25% ही दिया है! और फिर वहीं आपके पार्टनर सोचें कि उन्होंने अपना 50% दे दिया लेकिन आप ने शायद 25% ही दिया है! अब कैसे नापेंगे इसे? है ना मुश्किल? हक़ीक़त ये है कि रिश्ते में दोनों को अपना 100% देना होता है, तभी वो रिश्ता क़ामयाब होता है!
5) रिलेशनशिप ख़ुद ही सब संभाल लेगी
जी नहीं हुज़ूर, सम्भालना पड़ता है, उस पर काम करना पड़ता है, अपने आप सब कुछ नहीं होता! रिश्ता शुरू होने से पहले कोशिशें होती हैं एक दूसरे को रिझाने की, एक दूसरे के पास आने की, लेकिन एक बार रिश्ते में बंध गए उस के बाद लगता है अरे चलो अब तो साथ ही हैं, क्यों मेहनत करें? बस यहीं ग़लती हो जाती है! हर रिश्ते पर रोज़ काम करना होगा, मोहब्बत ज़िंदा रखनी होगी, तभी रिश्ता सालों-साल, उम्र भर चलेगा!
अपने रिश्ते का पालन-पोषण कीजिये, प्यार को ज़िंदा रखिये और वो कीजिये जो दिल कहता है! ज़्यादा रूल्स के पीछे मत भागिए, हर किसी की ज़िन्दगी, हर किसी का रिश्ता अलग ही होता है!
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