भारत की खोज वास्कोडिगामा ने की थी, ऐसा ही सालों से हम पढ़ते हुए आ रहे हैं.
असल में भारत को वास्कोडिगामा से हजारों साल पहले खोजा जा चुका था. वास्कोडिगामा का नाम बस किताबों में ही लिखा हुआ है.
इटली की रानी इज़ाबेला के पूर्वज सालों पहले ही भारत आकर वापस लौट गये थे. भारत का नाम हजारों साल पहले ही एक अच्छे और विकसित व्यापारिक देश के रूप में विख्यात हो चुका था.
इतिहास की पुस्तक- ब्रिटिश इतिहासकार तथा भारत जिसके लेखक सतीश चन्द्र मित्तल हैं उन्होंने साफ़ बताया है कि इटली की रानी इज़ाबेला ने कोलंबस को भारत की खोज के लिए प्रेरित किया था. इटली की रानी इज़ाबेला की ने तब कोलंबस को बताया था कि उनके पूर्वज कभी भारत गये थे और उन्होंने आगे की पीढ़ियों को इसके बारें में बताया था. किन्तु आने वाली पीढ़ी ने भारत के रास्ते पर कभी ध्यान ही नहीं दिया.
इसी कारण से बाद में कोलंबस अपने जहाजी बेड़ों के साथ भारत की खोज करने निकल लिया था.
विदेशी इतिहासकार इस घटना के बारें में यह लिखते हैं –
इटली का विश्वविख्यात यात्री कोलंबस, जो स्पेन में नौकरी करता था, भारत की तलाश के लिए समुंद्री यात्रा पर निकलता है. 12 अक्टूबर 1492 की सुबह वह किसी द्वीप पर पहुंचा था. असल में कोलंबस भारत को खोज रहा था. स्पेन के राजा फडिॅनैणड और रानी इजाबेला के नाम से उसने इस द्वीप पर अधिकार कर लिया था. यह द्वीप अमेरिका का मुख्य भाग नहीं था, बल्कि एक छोटा सा हिस्सा था. इसे आज वाटलिंग द्वीप कहा जाता है. इस द्वीप को कोलंबस ने भारत समझा और यहाँ के लोगों को इंडियंस बोला गया. यहां से वह जापान जाना चाहता था, लेकिन वह क्यूबा और हिस्पेनिओला पहुंच गया था. भारत न मिलने पर वह निराश होकर 14 मार्च 1493 को स्पेन वापस लौट गया था.
अब शुरू हुई खोज भारत की –
पुर्तगाल के नाविक वास्कोडिगामा को भी इच्छा हुई कि वह विश्व के सबसे अमीर देश की खोज करना चाहता है.
वास्कोडिगामा ने भारत की खोज की थी किन्तु उसकी यह खोज 1498 में हुई थी. जब कोलंबस थक गया और उसने भारत खोजने का सपना हर जगह गा दिया था तब असल में वास्कोडिगामा इस खोज पर निकला था. वास्कोडिगामा पर भारत खोजने के लिए पैसे नहीं थे. तब इसने जमीन में एक पत्थर दबाया था और लोगों से बोला था कि यह पत्थर उसको जमीन में से मिला है जिस पर भगवान की भविष्यवाणी है. भगवान चाहते हैं कि भारत की खोज की जाए.
इस तरह से लोगों से पैसे लूटकर वास्कोडिगामा ने भारत की खोज की थी.
किन्तु असल में इटली की रानी इज़ाबेला ने दुनिया के तीन मुख्य देशों की खोज अपने प्रोत्साहन से करवाई थी.
कोलंबस ने अमेरिका रानी के कहने पर खोजा, इसके बाद इसी यात्रा में वेस्टइंडीज को खोजा गया था और बाद में इटली की रानी इज़ाबेला की भारत के बारें में कहानियाँ इतनी फैल गयी थीं कि वास्कोडिगामा ने भारत खोजा था.
इस तरह से बोला जा सकता है कि इटली की रानी इज़ाबेला नहीं होती तो दुनिया के तीन मुख्य देश ना जाने कब खोजे जाते. रानी के इन प्रयासों को कभी भूलना नहीं चाहिए.
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