देश के उच्च अधिकारियों की मीटिंग चल रही है.
देश के कुछ नागरिक जो वापस अपने घर लौट रहे थे उनको बंधक बना लिया गया है. आतंकवादियों ने इजराइल के नागरिकों का अपहरण कर उनको युगांडा के के एक एयरपोर्ट पर रखा हुआ है.
यह बात कुछ 40 साल पहले की है.
आतंकवादियों ने एक प्लेन हाइजैक किया था. जिसमें अमेरिका, फ्रांस और इजराइल के लोग थे. आतंवादियों ने इजराइल के नागरिकों को छोड़कर बाकी सभी को जाने दिया था. छोड़े गये लोगों की मदद से ही इजराइल ने इस पूरे आपरेशन को अंजाम दिया था.
वैसे कुछ लोग बताते हैं कि इजराइल ने विश्व के अन्य कुछ देशों से भी मदद मांगी थी लेकिन किसी ने भी इस मामले में मदद देने से मना कर दिया था.
कैसे अंजाम दिया गया पूरा आपरेशन :-
सबसे पहले आर्मी के सामने समस्या थी कि जब उनका यह प्लेन दूसरे देशों के ऊपर से उड़कर युगांडा जा रहा होगा तभी उनको खबर हो जायेगी कि इजराइल सेना वहां जा रही है. तो इस समस्या से निपटने के लिए इजराइल सेना ने जहाज को हवा में काफी नीचे उड़ाया था. कहते हैं कि एक तो यह जहाज केवल शहरों के ऊपर से उड़ाया गया था वह भी बहुत नीचे. आर्मी के सामने दूसरी समस्या थी कि युगांडा के एयरपोर्ट पर जहाज उतर तो जायेगा लेकिन उड़ते वक़्त रनवे की लाइट बंद कर दी जायेगी तब उड़ान कैसे भरी जायेगी.
इस बात का हल यह था कि जब पहली बार रनवे पर उतरें तो सबसे पहले सेना के जवानों को रनवे के चारों और अपने साथ ले जाई गयी लाइट लगानी थी. यहाँ उतरने के बाद यही किया गया था.
इस आपरेशन के लिए जहाज पर युगांडा का रंग प्रयोग किया गया था और रनवे से आगे जाने के लिए गाड़ियाँ वह प्रयोग की गयी थीं जैसी गाड़ियाँ वहां के प्रधानमंत्री का काफिला प्रयोग करता था.
युगांडा पर उतरते ही घटना स्थल पर भागा जाता है और शुरू हो जाती है आतंकवादियों को धूल में मिलाने की पूरी लड़ाई. सभी बंधकों को सही सलामत जहाज पर लाया जाता है.
एयरपोर्ट पर खड़े सभी सेना के जहाजों को तबाह कर दिया जाता है ताकि कोई भी इनका पीछा ना कर सके.
सभी आतंकवादियों को मार गिराया जाता है. यह बात आग की तरह फैल जाती है कि इजराइल ने इतिहास के सबसे खतरनाक आपरेशन को अंजाम दिया है और सभी बंधकों को बचा लिया है.