यहूदी लोग – छोटा सा देश इजराइल दुनिया के सबसे ताकतवर देशों की सूची में शुमार हैं।
इजराइल में मुख्य आबादी यहूदी धर्म के लोगों की है जो कि दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक है। इसकी राजधानी येरुशलम है जो कि एक बेहद खूबसूरत एतिहासिक शहर है। इजराइल बनने की परिस्थितियां इतनी बुरी थी कि इन परिस्थितियों ने इस देश को लोहे की तरह मजबूत बना दिया। आइए जानते हैं कि क्या है इजराइल बनने की कहानी और क्यों होते हैं यहूदी लोग ताकतवर।
यहूदी धर्म दुनिया का सबसे पुराना धर्म है और ये लोग येरुशलम में रहा करते थे। येरुशलम और रोम की आपस में दुश्मनी थी और रोम ने येरुशलम पर हमला कर इस शहर को तबाह कर दिया था। 2000 साल पहले हुई इस घटना के बाद यहूदी लोग हर जगह फैल गए। यहूदी धर्म के लोग अधिकतर हिब्रू या अरेबिक भाषी होते हैं और इनके लिए माना जाता है कि ये किसी के सगे नहीं होते और लोगों को कभी भी धोखा दे सकते हैं इस कारण लोग यहूदीयों से दोस्ती करने और उन्हें पनाह देने से आज भी कतराते हैं। यहूदी धर्म के लोगों को इसी कारण बेहद भेदभाव का सामना करना पड़ा।
येरुशलम के तबाह होने के बाद यहूदी लोग दूसरे देशों में बस गए, जहां खुद को यहूदी दिखाने के लिए उन्हें एक तारे का निशान अपने कपड़ों पर लगाना पड़ता था और ऐसा ना करने पर वे जेल में डाल दिए जाते थे। इजराइल के राष्ट्रपिता माने जाने वाले थियोडोर हर्जल जो कि एक यहूदी पत्रकार थे उन्हें एक रिपोर्ट करने के लिए भेजा गया था। इस रिपोर्ट में फ्रांस की हार का सारा दोष एक यहूदी सैनिक के सिर पर मढ़ने का काम करना था। यहूदियों के साथ हो रहे इस भेदभाव को देखकर हर्जल को काफी दुख हुआ, उन्होंने अपना देश बनाने की ठानी और पूरी दुनिया से यहूदियों को एकत्रित किया।
पहले विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन ने यहूदियों की मांग मान ली और फिलिस्तीन में यहूदियों को एक राज्य देने का वादा किया। लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद होलोकोस्ट शुरु किया गया और हिटलर ने तकरीबन 60 लाख यहूदियों की हत्या करवा दी, जिसके बाद ये दुनियाभर की सांत्वना का पात्र बन गए और यूनाइटेड नेशन ने यहूदियों को एक देश देने की घोषणा की जिसे इजराइल कहा गया। फिलिस्तीन में इस बात की खुशी नहीं थी और वे चाहते थे की यह मुस्लिम देश ही बना रहे और इसलिए मुस्लिम देशों ने मिलकर इजराइल पर आक्रमण कर दिया। इस युद्ध के बाद पूरी दुनिया को यहूदियों की ताकत का पता चला जब यहूदियों ने अरब देश की सेनाओं को हरा दिया।
अरब और इजराइल के दूसरे युद्ध में भी इजराइल ने अरब देशों को हरा दिया।
इजराइल धीरे-धीरे इतना ताकतवर बन गया कि उसने फिलीस्तीन का काफी सारा हिस्सा हथिया लिया और ब्रिटेन और फ्रांस जैसी ताकते भी इजराइल का लोहा मानने लगे। इसके बाद भी 4 अरब देशों की आर्मी को इजराइल ने सिर्फ 6 दिनों में हरा दिया और दुनिया की इस सबसे सताई हुई कौम ने दिखा दिया की अब वे कमजोर नहीं है। इजराइल से लगातार हारने के बाद दुनिया के सभी देशों ने इजराइल से दुश्मनी करने में ही अपनी भलाई समझी और दो हजार साल पहले जिन लोगों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया गया था वे आज दुनियाभर में सबसे ताकतवर देश के रहने वाले माने जाते हैं।