पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है.
खबर है कि इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग ने अपने यहां एक महिला को छिपा रखा है. जबकि उस महिला के कथित पति का दावा है कि उसकी पत्नी को अगवा कर उच्चायोग में रखा गया है.
इस कहानी में दिन ब दिन जिस प्रकार नए नए मोड़ आ रहे हैं उसने इस पूरी कहानी को एक नया रंग दे दिया है.
दरअसल, इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग ने उजमा नामक जिस महिला को अपने दूतावास में शरण दे रखी है वह भारतीय है. लेकिन उजमा के पाकिस्तान पहुंचने की कहानी जितनी घुमावदार है उतनी ही रहस्यमय उसके इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग पहुंचने की कहानी.
बहराल, उजमा के भारतीय उच्चायोग पहुँचने की कहानी का रहस्य पर से तो पर्दा वही उठा सकती है लेकिन उसके पाकिस्तान पहुँचने की कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है.
पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद ताहिर अली का दावा है कि उसकी और उजमा की मुलाकात मलेशिया में हुई थी, जिसके बाद उजमा उनसे शादी करने पाकिस्तान आईं थीं. तीन मई को खैबर पख्तूनख्वाह में उन दोनों की शादी हुई थी.
वहीं पाकिस्तान आने के लिए दिए गए अपने वीजा में उजमा ने बताया है कि वो अपनी बीमार चाची से मिलने के लिए पाकिस्तान जाना चाहती हैं.
वीजा मिलने के बाद उजमा वाघा सीमा के रास्ते पाकिस्तान गई थी. वहीं उजमा ने पाकिस्तानी नागरिक से अपने निकाह की बात भी कबूली है. लेकिन उजमा ने इस्लामाबाद में मजिस्ट्रेट हैदर अली की अदालत में जो बयान दिया उसमें उसने जो कहानी बया की उसके अनुसार उसकी शादी बंदूक की नोक पर करवाई गई है.
उजमा का आरोप है कि उसके पति और ससुराल वालों ने उसके साथ मारपीट की. उजमा का आरोप है उन्हें शादी के बाद मालूम हुआ कि ताहिर शादीशुदा हैं और चार बच्चों का पिता हैं.
वहीं उजमा को लेकर भारत में भी एक नया खुलासा हुआ है. पता चला है कि वह डॉक्टर नहीं है बल्कि दिल्ली में एक बुटिक चलाती थी. इतना ही नहीं उजमा की पहले भी एक बार शादी हो चुकी है और उनकी एक छोटी बच्ची भी है.
वहीं एक ओर जहां उजमा का कहना है कि वो शादी करने के लिए पाकिस्तान नहीं गईं थी बल्कि अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए वहां गईं थीं. तो दूसरी ओर अभी तक पाकिस्तान में उजमा के रिश्तेदार सामने नहीं आए हैं.
उजमा जहां उनकी मर्जी के खिलाफ शादी कराए जाने के आरोप लगा रही है वहीं ताहिर अली इस आरोप से इनकार कर रहे हैं.
खबर है कि उजमा ने अब इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में शरण ले रखी है और वह भारत वापस आना चाहती हैं. इसके लिए उच्चायोग पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय से संपर्क में भी है.
भारत को आशंका है कि कहीं पाकिस्तान उजमा को भी कुलभूषण की तरह किसी मामले में फंसा दे और फिर वह उसे वापस भारत भेजने में कानूनी अडंगे लगाए.