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8 बातें जो साफ़ बताती हैं कि आई एस आई एस ज़बरदस्ती ख़ुद को नफ़रत का सौदागर कहलवाना चाहता है!

आई एस आई एस, सीरिया और इराक़ की ज़मीं से निकलने वाला वो आतंकवादी संघठन है जिसने अल क़ायदा को पीछे छोड़ दिया है और अब दुनिया भर को दहशत के घेरे में ले आया है!

हाल ही में पैरिस में हुए आतंकवादी हमले के बाद दुनिया भर में मुसलमानों के लिए ज़िन्दगी और भी मुश्किल हो गयी है!

इस संघठन की असली मंशा आख़िर है क्या?

ऑस्ट्रेलिया के एक टीवी प्रेसेंटर वलीद अली ने बड़े ही साफ़ और सादे शब्दों में इस आतंकवादी गुट के इरादों का पर्दाफ़ाश किया है|

आईये जानें कि बदनाम होकर क्या करना चाहता है आई एस आई एस:

1) आई एस आई एस एक कमज़ोर संघठन है लेकिन वो यही बात हम से छुपाना चाहता है! ये गुट जानता है कि अगर सीधे-सीधे आमने-सामने की लड़ाई हुई तो एक मिनट में वो ध्वस्त हो जाएगा, नामो-निशां मिट जाएगा उसका! इसीलिए इस तरह छुप-छुप कर वार करता है!

2) हर आतंकवादी हमले, छोटे या बड़े, की ज़िम्मेदारी वो अपने सर लेते हैं ताक़ि ज़्यादा से ज़्यादा लोग उन्हें जानें और ऐसा नज़र आये कि सच में उनका संघठन बड़ा और शक्तिशाली है! सच्चाई है कि वो इतना बड़ा गुट नहीं है!

3) दुनिया को दो हिस्सों में बाँटना चाहते हैं वो लोग! एक हिस्सा जो इस्लाम में मानता हो और दूसरा जो इस्लाम में न मानता हो ताक़ि महायुद्ध हो सके!

4) वो ये चाहते ही नहीं हैं कि दुनिया में किसी की अपनी सोच हो, अपना धर्म हो या अपना विश्वास हो| उनके अनुसार या तो आप आई एस आई एस के साथ हैं या उनके विपरीत, उनके दुश्मन हैं!

5) उनके निशाने पर दुनिया के विकसित देश हैं ताक़ि वो उन देशों में इस्लाम धर्म के ख़िलाफ़ एक डर पैदा कर सकें! वहाँ के सभी नागरिकों के दिल में इस्लाम का ख़ौफ़ पैदा कर सकें!

6) और वो ऐसा इसलिए करना चाहते हैं ताक़ि इन विकसित देशों में रहने वाले लोग जो इस्लाम में विश्वास नहीं रखते, वो मुसलमानों को परेशान करें, उनसे नफ़रत करें और फिर इन मुसलमानों को वो देश छोड़ कहीं और सहारा लेना पड़े! बस, ऐसे मौके पर आई एस आई एस ही उनका सच्चा सहारा बन के खड़ा होना चाहता है!

7) उनका असली मुद्दा है दुनिया भर को एक महायुद्ध, जैसे की वर्ल्ड वॉर 3 में झोंक देना और अपना उल्लू सीधा करना! और उन्हें पता है कि ये मुमकिन है धर्म को ग़लत रूप में लोगों के सामने ला कर!

8) पैरिस के हमले के बाद वो बहुत ख़ुश हैं क्योंकि उन्हें दुनिया से जैसी प्रतिक्रिया चाहिए थी, वैसे ही मिल गयी! यानि मुसलमानों के ख़िलाफ़ एक नफ़रत का माहौल और भी गहरा गया है!

अगर हम चाहते हैं कि शांति बानी रहे तो ऐसे आतंकवादी गुटों के छल से दूर रहना होगा! अगर आप गिने-चुने मुसलमान आतंकवादियों की वजह से सारे धर्म के साथ के साथ नफ़रत करेंगे तो आई एस आई एस को और भी शक्तिशाली बनाएँगे!

आईये कोशिश करें कि ग़लत लोगों को सजा पहुँचाएँ, पूरी क़ौम और पूरे धर्म को नहीं! मिल के चलेंगे, तभी विश्व बेहतर होगा!

Nitish Bakshi

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Nitish Bakshi

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