जानवर से इंसान बने लाखों साल बीत चुके हैं लेकिन कुछ इंसान अभी भी वैसे ही हैं, गंदे, भद्दे और जंगली जानवर!
जी हाँ, हम बात कर रहे हैं इराक़ और सीरिया में रूह को कंपा देने वाला आतंक फैलाने वाले गुट, आई एस आई एस का!
उनकी गिनती अगर नरक के सबसे घृणित कीड़े-मकौड़ों में की जाए तो कुछ गलत नहीं होगा|
यूँ तो आये दिन उनके क़िस्से अखबारों में आते हैं कि कैसे उन्होंने किसी बंधक का सरेआम गला काट दिया तो कभी किसी को ऊंची बिल्डिंग से धक्का दे कर जान ले ली|
लेकिन हाल ही में यू एन के सेक्रेटरी जनरल बान कि-मून की ख़ास प्रतिनिधि ज़ैनब बंगुरा की एक रिपोर्ट ने सारे विश्व का दिल दहला दिया है| यह बताती हैं कि किस तरह इस गुट के आतंकवादी महिलाओं का शोषण कर रहे हैं और छोटी-छोटी बच्चियों तक को बख्शा नहीं जा रहा!
बच्चियों, जवान लड़कियों और औरतों का सरेआम अपहरण कर उन्हें गुट के आतंकवादियों की सेक्स की भूख मिटाने के काम में लाया जा रहा है| इतना ही नहीं, वर्जिन बच्चियों और लड़कियों को सेक्स के बाज़ार में ऊंचे दामों में बेचा भी जा रहा है! १३-१४ साल की लड़कियों को नंगा करके उनके शरीर की जांच करते हैं और जो सबसे खूबसूरत वर्जिन होती है उससे सबसे ज़्यादा दाम में बेच दिया जाता है!
हवस के यह शिकारी अपनी ताक़त के बल पर खुलेआम हैवानियत का नंगा नाच कर रहे हैं और उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है!
जो लड़की उनकी बात नहीं मानती या अपने आप को बचाने की असफल कोशिश करती है उस लड़की को ज़िंदा जला दिया जाता है या उनका सामूहिक बलात्कार किया जाता है!
आत्महत्या की कोशिश करे कोई अबला तो उसकी भी सज़ा और ज़्यादा यंत्रणा से दी जाती है|
मार-पीट, यौन-शोषण, और एक जानवर से बदतर ज़िन्दगी हो गयी है इन महिलाओं की!
अमरीका और उसके साथी देशों की कई महीनों की कोशिशों के बाद भी इस आतंकवादी गुट के हौंसले पस्त नहीं हुए| बल्कि इनका अत्याचार का ख़ूनी खेल जारी है और इस में सब से ज़्यादा पिसने वाली हैं कमज़ोर बेचारी महिलाएँ जिन्हें धर्म के नाम पर लड़ी जाने वाली इस घिनौनी लड़ाई में अपनी मर्यादा और अपनी जान की क़ुरबानी देनी पड़ रही है|
अब तो बस यही दुआ है ऊपरवाले से कि जितनी जल्दी हो सके, इस आतंक का सफाया हो और उनके कब्ज़े में फँसी हज़ारों महिलाओं को इस अतयदाधिक कष्टमय ज़िन्दगी से मुक्ति दिलाई जा सके!