आईएसआईएस की HR – सउदी अरब में रहने वाली यास्मीन को केरल में एक स्कल टीचर की नौकरी मिल गई और वो भारत में आकर रहने लगी।
इस नौकरी के दौरान उसकी मुलाकात अब्दुल रशीद अब्दुल्ला से हुई। आपको बता दें कि ये अब्दुल केरल में हो रहे आईएसआईएस रिक्रूटमेंट का मास्टरमाइंड था। इसे आईएसआईएस संगठन का एचआर भी कहा जाता है। उसका ताल्लुक बिहार के एक जिले सीतामढ़ी में हुआ था।
यास्मीन मुहम्मद जाहिद का परिवार सीतामढ़ी से ताल्लुक रखता है और उसके अब्बा सऊदी अरब में काम करते थे।
उसका परिवार सऊदी अरब में ही रहने लगा और यास्मीन का जन्म भी वहीं हुआ था। साल 2013 में यास्मीन का अब्दुल रशीद अब्दुल्ला से निकाह हुआ। इसके बाद यास्मीन को केरल के मल्लपुरम में ‘पीस इंटरनेशनल’ में टीचर की नौकरी मिल गई। इसी स्कूल में यास्मीन की मुलाकात अब्दुल रशीद अब्दुल्ला से हुई जोकि खुद टीचर था।
दोनों का काम बाकी टीचर्स को ट्रेनिंग देना था
दोनों के बीच दोस्ती बढ़ी। शुरु में तो सब ठीक चल रहा था लेकिन फिर यास्मीन का अपने पति के साथ झगड़ा रहने लगा और दोनों अलग हो गए। सईद वापिस सऊदी अरब लौट गया और यास्मीन केरल में ही रहने लगी और वो अब्दुल के करीब आ गई। यास्मीन की अंग्रेजी बहुत अच्छी थी और उसका झुकाव धर्म के प्रति भी था शायद इसी वजह से वो अब्दुल की ओर खिंचने लगी थी। अब्दुल बहुत धार्मिक और कट्टरपंथी था लेकिन उसका झुकाव आतंकवाद की ओर भी था।
कुरान पढ़ाने के नाम पर अब्दुल जिहाद की क्लास लेता था और वहां आने वाले लोगों का वो ब्रेनवॉश किया करता था।
अब्दुल केरल के कासरगोड जिले का था और उसकी बीवी भी थी जिसका नाम आयशा था जोकि ईसाई परिवार से ताल्लुक रखती थी। जुलाई 2015 में आयशा और अब्दुल ने आईएसआईस में भर्तियां करने का काम शुरु किया था। ये दोनों फंड भी जमा करते थे।
यास्मीन भी इन दोनों के साथ भारत में आईएसआईएस के रिक्रूटमेंट कार्य से जुड़ गई थी, आईएसआईएस की HR बन गयी । आपने केरल में चल रहे आईएसआईएस रिक्रूटमेंट केस के बारे में तो पढ़ा ही होगा। साल 2016 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस केस का भंडाफोड़ किया था और 30 जुलाई, 2016 को आईएसआईएस की HR यास्मीन पकड़ी गई थी। वो देश छोड़कर काबुल भाग रही थी। यहां से निकलकर यास्मीन आईएसआईएस में मिलने जा रही थी और उसके साथ 21 लोग और थे जिन्हें आईएसआईएस में शामिल होना था लेकिन उसी समय एक बच्चे के पासपोर्ट में दिक्कत आ गई और यास्मीन को वहीं रूकना पड़ा।
आईएसआईएस की HR बनी यास्मीन केरल के जिस स्कूल में टीचर थी उसे बंद कर दिया गया है। इस संस्था के कम से कम 10 और स्कूल हैं। खुद मुख्यमंत्री ने एरनाकुलम वाले स्कूल को बंद करने का ऐलान किया था। स्कूल के नाम पर ये कट्टर कैंप था। यहां छोटे-छोटे बच्चों के दिमाग में नफरत के बीज बोए जा रहे थे और यहां पर सीबीएसई, एनसीईआरटी की किताबों की जगह बुरुज रियलाइजेशन की किताबें पढ़ाई जाती थीं। अब इस स्कूल के मैनेजिंग डायरेक्टर एम.एम अकबर जो दुबई में रहता है उसे भारत लाए जाने की कोशिश की जा रही है।