दरअसल, इस देश में आध्यात्मिक विकास और मानवीय चेतना को आकार देने का काम सबसे ज़्यादा एक ही शख्सियत के कारण है और वह व्यक्ति कोई और नहीं वह “शिव” हैं.
आदि योगी शिव ने ही इस संभावना को जन्म दिया कि मानव जाति अपने मौजूदा अस्तित्व की सीमाओं से भी आगे जा सकती है.
तो क्या शंकर भगवान को हमने अपनी कल्पना से इतना वृहद्, इतना शक्तिशाली बना दिया या शिव जैसा सचमुच कोई है जो हमारी सोच से भी कही अधिक महान है जो इस संसार का संरक्षक हैं?
स्वयं विचार करे.