इतिहास

इस मुस्लिम देश के लोगों को है शैतान पर पथराव करने की मनाही

आप को जानकर आश्चर्य होगा कि रमजान के बाद जिस प्रकार दुनिया के मुसलमानों को ईद का इंतजार रहता है ठीक उसी प्रकार मुस्लिम समुदाय के लोगों को पवित्र धार्मिक हज यात्रा का भी इंतजार रहता है.

लेकिन दुनिया में एक मुस्लिम देश ऐसा भी है जिसके लोग इस बार हज यात्रा नहीं जा सकते और शैतान को पत्थर नहीं मार सकते हैं. वजह , उन पर वहां हज यात्रा जाने की पाबंदी लगाई हुई है. यह हज यात्रा जाने की पाबंदी किसी और ने नहीं बल्कि उस मुल्क की सरकार ने ही लगाई है.

और वह मुल्क है ईरान.

दरअसल, इस बार हज यात्रा करने के लिए कोई भी ईरानी मक्का में नहीं जा रहा है.

पिछले साल हज में हुई भगदड़ की घटना में कई लोग मारे गए थे. उसमें कई लोग ईरान के भी थे. हज यात्रा के दौरान सऊदी अरब के बदइंतजामों से खफा ईरान इस बार अपने नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी और बेहतर इंतजाम की मांग कर रहा था. ईरान इसके लिए वहां अपने प्रशासनिक अमले को भेजना चाहता था. लेकिल सऊदी ने उसकी मांगों को मानने से इंकार कर दिया.

लेकिन बात यहां केवल सुरक्षा और इंतजामों की नहीं हैं.

दरअसल दोनों देशों के बीच इस तनाव अपने चरम पर है. इससे पूरी दुनिया वाकिफ है. सऊदी अरब और ईरान के बीच सीरिया और यमन के गृहयुद्ध समेत कई मुद्दों पर रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं.

इसी साल जनवरी में जब शिया धर्मगुरु निम्र अल निम्र को सऊदी अरब ने फांसी दी तो भी दोनों देशों के बीच का तनाव खुल कर सामने आया था. तब प्रदर्शकारियों ने ईरान में मौजूद सऊदी अरब के दूतावास में आग लगा दी थी. इसके बाद से दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्ते खत्म हैं.

वैसे, दोनों के बीच हज को लेकर तनाव कोई नई बात नहीं है. इससे पहले वर्ष 1987 में भी ईरानी श्रद्धालुओं और सऊदी सुरक्षाकर्मियों के बीच हिसंक झड़प हो गई थी, जिसमें तब करीब 400 लोगों की मौत हो गई थी. उस घटना के बाद भी ईरान ने तीन साल के लिए हज की यात्रा में हिस्सा नहीं लिया था.

प्रत्येक मुस्लिम की ये दिली ख्वाहिश होती है कि अपने जीवन में वह कम से कम एक बार मक्का जाकर हज की यात्रा अवश्य कर आए.

इसके लिए दुनिया भर में मुस्लिम समुदाय के लोग सऊदी अरब जाकर न केवल पवित्र पत्थर को चूमते हैं बल्कि वहां शैतान को पत्थर भी मारते हैं.

ये भी गौर करने वाली बात है कि ईरान शिया बहुल है जबकि सऊदी अरब सुन्नी. दोनों के बीच तनाव की एक बड़ी वजह ये भी है. दुनिया भर में शिया-सुन्नी के बीच तनाव का ही कारण है. लेकिन मक्का एक जगह है जहां ये दो विचारधाराएं आकर थोड़ी देर के लिए ही सही मिलती हैं,

लेकिन जब इस पर भी रोक की बात होने लगे तो समझिए मामला गंभीर है.

Chandra Kant S

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Chandra Kant S

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