पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट फिर से अपने पैर पसारने की तौयारी में है और माना जा रहा है कि आने वाले समय में पाकिस्तान फिर से मेजबानी के लिए तैयार है।
भविष्य में विश्व इलेवन के साथ-साथ श्रीलंका और वेस्टइंडीज की टीम पाकिस्तान दौरे पर सीरीज खेलने के लिए राजी हो चुकीं हैं।
पाकिस्तान में साल 2009 में आतंकी हमला हुआ था और इसके बाद से ही वहां बड़े देश खेलने से कतराते रहे हैं। लेकिन अब एक बार फिर से पाकिस्तान मेजबानी का दम भर रहा है और क्रिकेट की वापसी की तैयारी में जुटा है।
लेकिन सवाल खड़ा होता है कि पाकिस्तान में क्रिकेट के लौटने से क्या फायदा या नुकसान हो सकता है। आइए जानते हैं।
पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी के नुकसान:
सुरक्षा के लिहाज से पाकिस्तान अभी भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं माना जा सकता। आए दिन अभी भी पाकिस्तान के अलग-अलग जगह धमाकों की खबरें आती रहतीं हैं और ऐसे में किसी भी टीम को पाकिस्तान में जाकर खेलने का जोखिम मोल नहीं लेना चाहिए। हालांकि पाकिस्तान की सरकार और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड कई बार ये ऐलान कर चुके हैं कि अब पाकिस्तान आतंक मुक्त हो चुका है और पाकिस्तान विदेशियों के लिए बिल्कुल सुरक्षित है।
लेकिन सही मायनो में पाकिस्तान में आंतरिक युद्ध जैसे हालात हैं और वहां धमाके होना आम है। आतंकी संगठनों के कई आका पाकिसतान की पनाह में रहते हैं और ऐसे में खुदा ना खास्ता की साल 2009 आतंकी हमले जैसा कोई हादसा फिर से होता है तो इससे क्रिकेट के खेल को भारी नुकसान हो सकता है। ऐसे में जब तक पाकिस्तान में हालात पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हो जाते तब तक पाकिस्तान में क्रिकेट खेलना किसी भी लिहाज खतरे से खाली नहीं है।
पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी के फायदे:
पाकिस्तान में क्रिकेट की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है। लेकिन साल 2009 में श्रीलंका की टीम पर हुए आतंकी हमले के बाद कोई भी टीम पाकिस्तान का दौरा नहीं करती है ऐसे में पाकिस्तान की क्रिकेट को तो नुकसान हो ही रहा है इसके साथ ही उनके देश के कई युवा इस खेल से कटते जा रहे हैं। पाकिस्तान में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है लेकिन वो अपने चहेते खिलाड़ियों को अपनी आंखों के सामने खेलते नहीं देख पाते हैं और इससे उनका झुकाव क्रिकेट से दूर होता जा रहा है। इसके अलावा पाकिस्तान में क्रिकेट देश की आय में भी बड़ा योगदान देता है। लेकिन खेलों की मेजबानी छिन जाने का कारण उन्हें पहले जितना फायदा नहीं हो पा रहा है। साफ है कि अगर पाकिस्तान में क्रिकेट की वापसी होती है तो युवा खिलाड़ियों की धूमिल होती आस फिर जगेगी और उनके देश में फिर से दूसरे देश खेलने आ सकेंगे।
आईसीसी भी लगातार प्रयास कर रहा है कि पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हो।
खासकर ये मांग पाकिस्तान के चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद से और तेज हुई है। अगर सब कुछ सही रहा तो पहले विश्व इलेवन फिर श्रीलंका और फिर वेस्टइंडीज की टीम पाकिस्तान में टी20 सीरीज खेलने आ सकतीं हैं। पाकिस्तान में क्रिकेट का भविष्य इन टीमों के दौरे पर काफी हद तक निर्भर करेगा अगर पाकिस्तान इन देशों की मेजबानी सही तरह से कर सका तो हो सकता है कि आने वासे समय में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत जैसे देश भी पाकिस्तान में क्रिकेट खेलते नजर आएं।
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